यरुशलम (राघव): फलस्तीनी आतंकी समूह हमास और इजरायल ने युद्धविराम समझौते को अंतिम रूप देने में विफलता के लिए बुधवार को एक-दूसरे को दोषी ठहराया। हालांकि दोनों पक्षों ने पिछले दिनों में इस दिशा में प्रगति दर्शाई थी। हमास ने कहा कि इजरायल ने पीछे हटने, युद्धविराम, कैदियों एवं विस्थापितों की वापसी से जुड़ी नई शर्तें रख दी हैं जिसकी वजह से समझौते पर पहुंचने में देरी हो रही है। उसका कहना है कि वह लचीलापन दिखा रहा है और कतर एवं मिस्त्र की मध्यस्थता में हुई वार्ता गंभीर थी।
जवाब में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान जारी कर कहा, ‘आतंकी संगठन हमास लगातार झूठ बोल रहा है, पहले से बनी सहमति से मुकर रहा है तथा वार्ता में कठिनाइयां पैदा कर रहा है।’ उन्होंने कहा कि इजरायल बंधकों को वापस करने के अथक प्रयास जारी रखेगा। इस बीच, इजरायली सेना ने 14 महीने के युद्ध के सबसे कठोर अभियानों में से एक में उत्तरी गाजा पट्टी पर दबाव बनाए रखा, जिसमें बेत लाहिया, बेत हनून और जबालिया में लगभग तीन अस्पताल शामिल थे। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को गाजा में इजरायली हमलों में कम से कम 24 लोग मारे गए।
सात अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजरायल पर हमास के हमले के दौरान गंभीर रूप से घायल होने के बाद 417 दिनों तक सेना की चिकित्सा इकाई के सैनिक योना ब्रीफ ने ठीक होने का आत्मबल दिखाया था। लेकिन दोनों पैर खोने और कोमा की स्थिति से गुजरने के बाद नवंबर के अंत में उनकी मृत्यु हो गई। इजरायल व अमेरिका की दोहरी नागरिकता वाले ब्रीफ की मृत्यु सैकड़ों शहीद सैनिकों के बलिदान का प्रतीक बन गई है। ब्रीफ का इलाज तेल अवीव स्थित देश के सबसे बड़े अस्पताल शेबा मेडिकल सेंटर में किया गया। पैर काटे जाने के बाद वह जीवन और मौत के बीच झूल रहे थे। उनकी 20 से अधिक सर्जरी हुई। उन्हें 200 से अधिक यूनिट खून चढ़ाया गया। अस्पताल ने उन्हें बचाने के लिए दुनियाभर से विशेषज्ञ और सर्जन बुलाए थे।