नई दिल्ली (किरण): जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं। चुनाव नतीजों सामने आ रहे हैं। शुरुआती रुझानों में नेकां-कांग्रेस के गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है। कश्मीर में कई ऐसी विधानभा सीटें हैं, जिसकी काफी चर्चा होती है। उनमें से एक लाल चौंक विधानसभा सीट है। इस सीट पर नेशनल कांफ्रेंस की ओर से शेख अहसान अहमद चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं महबूबा मुफ्ती की पीडीपी ने आर्सलान यूसुफ मीर को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने भी बड़ा दांव खेलते हुए मुस्लिम उम्मीदवार के रूप में एजाज हुसैन को मैदान में उतारा।
रुझानों में नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार शेख हसन अहमद आगे चल रहे हैं। खबर लिखे जाने तक वो 16304 वोटों से आगे चल रहे हैं। दूसरे नंबर पर जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद अशरफ मीर हैं। वहीं, भाजपा उम्मीदवार एजाज हुसैन को करीब तीन हजार वोट मिले। कश्मीर की राजनीति में लाल चौंक की अपनी अहमियत रही है। साल 1948 में सबसे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाल चौंक पर तिरंगा फहराया था। वहीं, 26 जनवरी 1992 को गणतंत्र दिवस के मौक़े पर भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अगुवाई में वहां झंडा फहराया गया था।
दिसंबर 1991 में कन्याकुमारी से ‘एकता यात्रा’ की शुरुआत की गई थी, जो कई राज्यों से होते हुए कश्मीर पहुंची थी। इस यात्रा में पीएम मोदी ने अहम भूमिका निभाई थी। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 की समाप्ति के बाद 15 अगस्त और 26 जनवरी के मौके पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है।