झारखंड के दुमका जिले में घटित एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया। अंकिता, एक नाबालिग लड़की, को एकतरफा प्यार में पड़े व्यक्ति ने जीवित जला दिया। इस अपराध के लिए शाहरुख हुसैन और उसके साथी नईम अंसारी को दोषी करार दिया गया है।
पेट्रोल अग्निकांड: एक झलक
इस घटना ने न केवल दुमका बल्कि पूरे देश को झकझोर के रख दिया। अंकिता के खिलाफ इस कृत्य को अंजाम देने के पीछे का कारण शादी से इनकार था। शाहरुख ने अंकिता को सोते समय उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी, जिससे वह 90% तक जल गई और उसकी मौत हो गई।
इस भयानक घटना के बाद, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रमेश चंद्रा ने शाहरुख और नईम को IPC की धारा 302/34 और POCSO अधिनियम के तहत दोषी पाया। इस निर्णय से एक नजीर पेश की गई है कि इस तरह के अपराधों के लिए समाज में कोई जगह नहीं है।
इस घटना की तारीख 23 अगस्त 2022 को थी, और इसने सबको हिला कर रख दिया। अंकिता की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा का स्तर क्या है। यह घटना न केवल एक व्यक्ति की मानसिकता को दर्शाती है बल्कि यह भी बताती है कि समाज में गहराई से निहित समस्याएं किस प्रकार विकराल रूप ले सकती हैं।
इस त्रासदी ने न्यायिक प्रणाली पर भी प्रकाश डाला है। 28 मार्च को, दोषियों को उनकी सजा सुनाई जाएगी, जिससे अंकिता के परिवार को कुछ सुकून मिल सकेगा। यह घटना समाज में बदलाव की मांग करती है, जहाँ महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित किया जा सके।
अंत में, अंकिता की दुखद कहानी ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है: समाज को जागरूक होने की आवश्यकता है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए, हमें न केवल न्यायिक प्रक्रियाओं को मजबूत करना होगा बल्कि समाज में मानसिकता को भी बदलना होगा।