रांची (नेहा): सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का दो दिवसीय महाधिवेशन सोमवार से रांची के खेलगांव स्थित शहीद हरिवंश टाना भगत इनडोर स्टेडियम में आयोजित होगा। हेमंत सोरेन सरकार की दोबारा वापसी के बाद आयोजित हो रहे इस महाधिवेशन को लेकर जश्न और उत्सव का माहौल है। झामुमो अपने कोर एजेंडा पर कायम है और यह इस महाधिवेशन पर भी यह छाया रहेगा। 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति, सरना कोड, वृहद झारखंड आदि इसके एजेंडा में सम्मिलित होंगे। इस महाधिवेशन में अन्य राज्यों से भी भागीदारी होगी। लगभग चार हजार प्रतिनिधि इसमें भाग लेंगे। इसमें कई राजनीतिक प्रस्ताव पारित होंगे तथा पार्टी का संविधान संशोधन आदि भी आएगा। इस महाधिवेशन के माध्यम से पार्टी निचले स्तर तक संदेश पहुंचाने का काम करेगी।
साथ ही सरकार की कल्याणकारी योजनाओं विशेषकर मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना, झारखंड अबुआ स्वास्थ्य योजना, अबुआ आवास योजना आदि का भी इसके माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करने का प्रयास किया जाएगा। बिहार समेत अन्य सटे राज्यों में चुनाव में भी पार्टी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक प्रस्ताव पारित कर सकती है। महाधिवेशन को लेकर राजधानी रांची के चौक-चौराहों और सड़कों को झामुमो के झंडे, बैनर और बड़े-बड़े बैनर-पोस्टर से पाट दिया गया है। महाधिवेशन को लेकर पार्टी ने स्टेडियम में बाबा साहेब भीमराव आंबेडर प्रांगण बनाया है। इस 13वें केंद्रीय महाधिवेशन की जानकारी देते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हमारा केंद्रीय महाधिवेशन हम सबके लिए उत्सव की तरह है।
उन्होंने बताया कि महाधिवेशन के पहले दिन महाधिवेशन स्थल पर पार्टी का झंडा फहराया जाएगा और अमर शहीदों को श्रद्धांजलि, संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर पर माल्यार्पण, उसके बाद कार्यकारी अध्यक्ष व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का स्वागत भाषण होगा। इसके बाद पहले दिन के पहले सत्र में सांगठनिक रिपोर्ट पेश की जाएगी। दूसरे सत्र में पार्टी की ओर से राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया जाएगा और चर्चा के बाद उसे पारित किया जाएगा। महाधिवेशन के दूसरे दिन 15 अप्रैल को नई केंद्रीय कमेटी का गठन किया जाएगा और फिर उस कमेटी द्वारा पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और पदाधिकारियों के चयन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। महाधिवेशन में भाग लेने के लिए गुजरात से प्रतिनिधि रांची आए हैं।