ओटावा (एनआरआई मीडिया): कनाडा की राजधानी ओटावा में बीते दिनों खालिस्तानी समर्थकों ने रूस और भारत के वाणिज्य दूतावासों के बाहर प्रदर्शन कर घेराव किया। प्रदर्शनकारियों ने तथाकथित खालिस्तान अलगाववादी आंदोलन को लेकर रूस और भारत के के खिलाफ नारेबाजी की। यह प्रदर्शन 18 जून 2023 को कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर अज्ञात हमलावरों द्वारा खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की गोली मार कर हत्या के बाद बढ़ते तनाव के बीच हुआ। कनाडा ने इस हत्या को “मर्डर फॉर हायर प्लॉट” बताया है और भारत को इसका जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि भारत ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है।
जानकारी के अनुसार खालिस्तान समर्थक सैकड़ों सिखों ने ओटावा में भारतीय/रूसी दूतावास पर विरोध प्रदर्शन दौरान कहा कि भारत/रूस की राजनीति ख़त्म करें, इन आतंकवादियों के घर (रूस और भारत वाणिज्य दूतावासों ) बंद करो। खालिस्तानी समर्थकों ने यह भी आरोप लगाया कि रूस ने भारत को पंजाब में गत वर्ष की 30 दिसम्बर को किसानों के विरोध प्रदर्शन से जुड़े रासायनिक गैस बम और स्पाइवेयर की आपूर्ति की है, इतना ही नहीं खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की साजिश में भारत के दोस्त देश रूस ने मदद की है, जिस में स्पाइवेयर का इस्तेमाल सीधे तौर पर हरदीप सिंह निझार की हत्या में किया गया था। खालिस्तानी समर्थकों ने यह भी आरोप लगाया कि कनाडा में रूसी दूतावास ने भारतीय अधिकारियों के साथ ‘सिग्नल इंटेलिजेंस’ शेयर करके खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में मदद की।
बता दें कि भारत और रूस के बीच खालिस्तानी गतिविधियों को रोकने के लिए बढ़ता सहयोग खालिस्तानी समर्थकों के लिए बड़ी चुनौती बन रहा है। इसी बीच प्रदर्शनकारियों द्वारा वाणिज्य दूतावासों पर हमले की आशंका को लेकर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। बता दें कि गत दिनों प्रतिबंधित संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी करते हुए रूस को खालिस्तानियों के खिलाफ भारत के साथ सहयोग बंद करने के लिए है। पन्नू ने कहा कि अगर रूस ने भारत को सहयोग देना बंद नहीं किया तो वह इसका नुकसान उठाएगा।