हरियाणा के राजनीतिक मंच पर बड़ा उलटफेर हुआ है। मनोहर लाल खट्टर, जो कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हैं, ने अपने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया है। यह कदम उन्होंने अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद ही उठाया, जो कि 12 मार्च को हुआ था।
विधानसभा से इस्तीफा
खट्टर ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि उन्हें जो भी नई जिम्मेदारी दी जाएगी, वह उसे बखूबी निभाएंगे। उनके इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उनका इस्तीफा न केवल उनके निजी करियर के लिए, बल्कि हरियाणा की राजनीति के लिए भी एक नई दिशा निर्धारित करता है।
करनाल सीट पर नजर
इस बीच, करनाल विधानसभा सीट, जो कि खट्टर के इस्तीफे से खाली हुई है, पर नई नजरें जमी हैं। नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जो कि वर्तमान में कुरुक्षेत्र से सांसद हैं, ने इस सीट से उपचुनाव लड़ने की घोषणा की है। सैनी के इस कदम से राज्य की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा।
नई सरकार की चुनौतियाँ
सैनी के मुख्यमंत्री बनने और विधानसभा में विश्वास मत पास होने के बाद, हरियाणा की राजनीति में नई सरकार के सामने अनेक चुनौतियाँ हैं। सरकार का मुख्य ध्यान राज्य के विकास पर होगा। इसके साथ ही, नई सरकार को अपने प्रतिद्वंद्वियों और जनता की उम्मीदों के बीच संतुलन बनाए रखना होगा।
इस बीच, हरियाणा की जनता अपने नेताओं से नए वादे और विकास की नई राहें तलाश रही है। राज्य की राजनीति में इन बदलावों का परिणाम क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि हरियाणा की राजनीति में आने वाले समय में नए मोड़ और चुनौतियाँ देखने को मिलेंगी।