कोलकाता (नेहा): आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के कई अधिकारितों के घर पर सीबीआइ ने छापेमारी शुरू की है। रविवार सुबह सेंट्रल एजेंसी की अलग-अलग टीम उत्तर कोलकाता के केष्टोपुर, हावड़ा, एंटाली पहुंची है। आरजी कर के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख देबाशीष सोम का घर केष्टोपुर में है। एंटाली में अस्पताल के पूर्व अधीक्षक संजय वशिष्ठ रहते हैं। इसके अलावा हावड़ा में बिप्लब सिंह नामक शख्स के घर पर सीबीआइ की छापेमारी चल रही है। यह छापेमारी आरजी कर अस्पताल के पूर्व अतिरिक्त अधीक्षक अख्तर अली द्वारा पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और अन्य के खिलाफ वित्तीय अनियमितता की शिकायत के मामले में शुरू हुई है। हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने शनिवार को एफआइआर दर्ज कर भ्रष्टाचार के इस मामले की जांच शुरू की है।
एजेंसी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच का जिम्मा अपने हाथ में लिया। उच्च न्यायालय (जिसने पहले ही चिकित्सक के बलात्कार और हत्या की जांच सीबीआई को सौंप दी थी) ने पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई वित्तीय अनियमितताओं की जांच भी ‘निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के हित में’ सीबीआई को सौंप दी। अदालत ने यह आदेश डॉ. अख्तर अली की याचिका पर पारित किया था। डॉ. अख्तर 2023 तक अस्पताल के उपाधीक्षक थे। अली ने बुधवार को उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर घोष के कार्यकाल के दौरान सामने आए कथित कदाचार और वित्तीय घोटालों की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच कराने का अनुरोध किया।
अपनी याचिका में अली ने घोष पर अवैध रूप से लावारिस शवों का इस्तेमाल करने, अवैध रूप से बायोमेडिकल कचरा बेचने और दवा और चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ताओं द्वारा दिए गए कमीशन के आधार पर टेंडर पास करने का आरोप लगाया है। अली ने यह भी आरोप लगाया है कि छात्रों पर परीक्षा पास करने के लिए 5 से 8 लाख रुपये तक की रकम देने का दबाव डाला गया था। अली ने याचिका दायर करने के बाद कहा, ‘जुलाई 2023 में मैंने राज्य सतर्कता आयोग में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन घोष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। मैं चाहता हूं कि इस रैकेट में शामिल हर व्यक्ति का पर्दाफाश हो। आपको बता दें कि 9 अगस्त को एक सेमिनार हॉल में एक स्नातकोत्तर ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या के बाद मेडिकल कॉलेज सुर्खियों में आया था। मुख्य संदिग्ध, कोलकाता पुलिस के लिए काम करने वाला एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह हिरासत में है।