कोलकाता (राघव): कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या की जांच कर रही सीबीआई के अधिकारी मामले में सुबूतों से छेड़छाड़ की आशंका पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई के अधिकारी ये मानकर चल रहे हैं कि अगर इस घटना में कुछ लोग शामिल थे तो सुबूतों के साथ छेड़छाड़ करने में भी कई लोग शामिल हो सकते हैं। इस आधार पर केंद्रीय एजेंसी घटना की जांच कर रही है, ताकि वह आरजी कर दुष्कर्म और हत्या मामले के पीछे की सच्चाई तक पहुंच सके।
केंद्रीय एजेंसी के जांच अधिकारी हाल ही में इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित हुए फर्जी सीबीआई लेटरहेड की भी जांच कर रहे हैं। जिसमें कथित केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी मामले के विभिन्न पहलुओं पर टिप्पणी कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि आइओ का मानना है कि फर्जी पत्र जानबूझकर गलत सूचना फैलाने और जांच प्रक्रिया के बारे में लोगों को गुमराह करने के लिए प्रसारित किए जा रहे हैं।
सीबीआई अधिकारी, मुख्य अपराध के पीछे की सच्चाई के करीब पहुंचने के लिए इस तरह के फर्जी पत्रों के स्रोत तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही सीबीआई के अधिकारी शव मिलने के तुरंत बाद संदीप घोष के मोबाइल फोन से की गई फोन डिटेल्स का भी पता लगा रहे हैं। जांच अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि बातचीत के दौरान वास्तव में क्या हुआ था। वे यह पता लगाना चाहते हैं कि घोष ने उस सुबह क्या किसी को इस घटना के बारे में कोई जानकारी दी थी? कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने इस घटना की जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथ में ले ली है।