लातूर (नेहा): महाराष्ट्र के लातूर में गर्ल्स हॉस्टेल में रात्रि भोजन करने के बाद 50 छात्राओं की एकदम से तबीयत बिगड़ गई। फूड पॉइजनिंग के चलते सभी छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरोप है कि छात्राओं ने रात में जो खाना खाया उसमें छिपकली पाई गई थी। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, घटना पूरनमल लाहोटी सरकारी पॉलिटेक्निक के छात्रावास में घटी, जहां 324 छात्राएं हैं। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार शाम करीब 7 बजे छात्राओं ने चावल, चपाती, भिंडी की सब्जी और दाल का सूप लिया था। उन्होंने बताया कि रात 8.30 बजे उनमें से कई का स्वास्थ्य बिगड़ गया और कुछ छात्राओं को उल्टी होने लगी। सूचना मिलने पर कॉलेज के प्रिंसिपल मौके पर पहुंचे और लातूर में विलासराव देशमुख सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डीन डॉ. उदय मोहिते को इसकी जानकारी दी। प्रभावित छात्राओं को तुरंत एंबुलेंस में अस्पताल ले जाया गया।
डॉ. मोहिते ने पीटीआई को बताया कि आधी रात तक करीब 50 छात्रों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने बताया कि रविवार को सुबह 3 बजे तक उनमें से 20 को छुट्टी दे दी गई। उन्होंने बताया कि बाकी 30 छात्रों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनमें से किसी की हालत गंभीर नहीं है। डॉ. मोहिते ने आगे कहा कि दो लड़कियों को रात के खाने के बाद उल्टी हुई और अन्य ने जी मिचलाने की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। तत्काल उपचार किया जा रहा है, जिसमें जरूरत पड़ने पर सलाइन देना भी शामिल है। अस्पताल के अनुसार, सभी लड़कियों की हालत स्थिर है और पूरी मेडिकल टीम मौजूद है और देखभाल कर रही है। डॉ. ने बताया कि छात्रों के माता-पिता को आश्वस्त किया गया है कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
कॉलेज के प्रिंसिपल वीडी नितनावरे ने पीटीआई को बताया, “हॉस्टल के कुछ छात्रों के अस्वस्थ होने की सूचना मिलने पर हम तुरंत वहां पहुंचे। सभी प्रभावित छात्रों को इलाज के लिए भेजा गया। किसी भी छात्र को कोई और खतरा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से स्वास्थ्य जांच की जा रही है। चिंता की कोई बात नहीं है। प्रभावित छात्रों की मदद के लिए कुछ लड़कियों को अस्पताल में रखा गया है। प्रिंसिपल ने बताया कि घटना की जानकारी शिवाजीनगर पुलिस को दे दी गई है। पुलिस मौके पर पहुंची और अधिकारियों ने खाने के नमूने एकत्र किए। उन्होंने बताया कि नमूनों की रिपोर्ट आने के बाद ही फूड पॉइजनिंग के कारणों का पता लगाया जाएगा।