नई दिल्ली (राघव): RBI ने रेपो रेट में कटौती का ऐलान कर दिया है। FY26 की पहली एमपीसी बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती का ऐलान किया है। इसके साथ ही रेपो रेट अब घटकर 6 फीसदी रह गयी है। इससे उम्मीद है कि सभी तरह के लोन सस्ते होंगे। कर्जदारों की EMI घटेगी। बता दें कि अधिकतर जानकारों का मानना था कि आरबीआई रेपो रेट में कटौती करेगा और ऐसा ही हुआ है।
आरबीआई एमपीसी ने एसडीएफ (Standing Deposit Facility) रेट घटाकर 5.75% और एमएसएफ (Marginal Standing Facility) रेट घटाकर 6.25% कर दी है। MSF RBI द्वारा 2011-12 में शुरू की गई एक शॉर्ट टर्म लोन स्कीम है, जो बैंकों को सरकारी सिक्योरिटीज को गिरवी रखकर रेपो दर से अधिक दर पर उधार लेने की सुविधा देती है। संजय मल्होत्रा की अगुवाई वाली आरबीआई एमपीसी ने अपना रुख तटस्थ (Neutral) से बदलकर Accomodative करने का फैसला किया है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा का कहना है कि आज के रुख में बदलाव का मतलब है कि भविष्य में कोई झटका नहीं लगेगा। उन्होंने कहा, “एमपीसी केवल दो विकल्पों पर विचार कर रही है – मौजूदा स्थिति को बरकरार रखना या दरों में कटौती।”
आरबीआई गवर्नर के अनुसार, ग्लोबल ग्रोथ में मंदी के कारण कमोडिटी और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आ सकती है। मल्होत्रा ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। मल्होत्रा का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण व्यापारिक निर्यात पर दबाव रहेगा, जबकि सेवा निर्यात में लचीलापन बना रहेगा। आरबीआई ने तनावग्रस्त परिसंपत्तियों (Stressed Assets) के सिक्योरिटाइजेशन को सक्षम करने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही सभी लोन पर सभी विनियमित संस्थाओं को सह-उधार (co-lending) देने के दिशा-निर्देश लागू किए जाएंगे। आरबीआई ने सोने के बदले लोन के लिए नियम और विनियमित संस्थाओं द्वारा आंशिक क्रेडिट वृद्धि पर व्यापक दिशा-निर्देश जारी करने का ऐलान किया है।