नई दिल्ली (हरमीत कौर): लोकसभा चुनाव-2024 के नतीजे आ चुके हैं। चुनाव में कई बड़े दिग्गज नेता चुनाव हार गए हैं। मोदी सरकार में कई मंत्रियों से लेकर कांग्रेस और बाकी पार्टियों के कई बड़े नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन इसी चुनाव में कुछ ऐसे उम्मीदवार भी रहे हैं, जिन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत हासिल की।
निर्दलीय चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों में देशद्रोह के आरोप में असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह, टैरर-फंडिंग के मामले में तिहाड़ जेल में बंद कश्मीरी नेता शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह का बेटा सरबजीत सिंह खालसा भी शामिल है।
वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख और खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब सीट से चुनाव जीत लिया है। अमृतपाल सिंह असम के डिब्रूगढ़ की जेल में बंद है। अमृतपाल सिंह ने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को 1.97 लाख वोटों से हराया है। वहीं पंजाब की फरीदकोट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार सरबजीत सिंह खालसा ने आम आदमी पार्टी के करमजीत सिंह अनमोल को 70 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हार दिया। सरबजीत सिंह खालसा पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह का बेटा है।
जबकि बारामूला सीट से टैरर-फंडिंग के मामले में तिहाड़ जेल में बंद निर्दलीय उम्मीदवार इंजीनियर अब्दुल राशिद शेख ने जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और जम्मू कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद गनी लोन को शिकस्त दी है। अब्दुल राशिद शेख ने उमर अब्दुल्ला को दो लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव हराया।
इन सब के अलावा लद्दाख सीट से निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने कांग्रेस उम्मीदवार शेरिंग नामग्याल को हरा दिया है। हनीफा ने नामग्याल को 27,862 वोटों के अंतर से चुनाव हराया। वहीं दमन और दीव सीट से निर्दलीय उम्मीदवार पटेल उमेशभाई बाबूभाई ने बीजेपी के लालूभाई बाबूभाई पटेल को 6,225 वोटों के अंतर से हरा दिया है। दमन और दीव सीट पर 15 साल बाद बीजेपी की हार हुई है।
वहीं महाराष्ट्र की सांगली लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार विशाल (दादा) प्रकाशबाबू पाटिल ने बीजेपी के संजय काका पाटिल को एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हरा दिया है। विशाल पाटिल को 5.71 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं। जबकि पप्पू यादव बिहार की पूर्णिया सीट से निर्दलीय उम्मीदवार थे। उन्हें 56.75 लाख वोट मिले हैं। पप्पू यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 23,847 वोटों से हराया है। पप्पू यादव इससे पहले भी पूर्णिया सीट से दो बार साल 1991 और 1999 निर्दलीय सांसद रहे हैं।
बता दें कि साल 2019 के चुनाव में 4 निर्दलीय उम्मीदवार संसद पहुंचे थे। जबकि साल 2014 के चुनाव में 3 निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव जीता था। इस बार कम से कम 6 निर्दलीय उम्मीदवार संसद पहुंचे हैं।