नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र लागू हुए आचार संहिता के तहत, दिल्ली नगर निगम ने शहर भर के 12 क्षेत्रों से 2,57,995 लाख पोस्टर, बैनर, होर्डिंग्स और छोटे बोर्ड हटाए हैं। इस पहल के जरिए शहर को अनधिकृत राजनीतिक विज्ञापनों से मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
विज्ञापनों पर नियंत्रण
निगम ने मंगलवार तक 2,01,364 लाख राजनीतिक विज्ञापन हटाए और सोमवार तक 1,30,321 लाख विज्ञापनों को हटा दिया था। इस अभियान के तहत, राज्य सरकारों को भी चुनाव आयोग द्वारा सरकारी, सार्वजनिक और निजी संपत्तियों से सभी अनधिकृत राजनीतिक विज्ञापन हटाने और अगले 24 घंटे में एक अनुपालन रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है।
इस अभियान की सफलता न सिर्फ चुनावी आचार संहिता के पालन में सहायक है, बल्कि यह शहर की स्वच्छता और व्यवस्था को भी सुनिश्चित करती है। नगर निगम के इस कदम को आम नागरिकों और समाजसेवी संगठनों ने भी सराहा है।
स्वच्छता और सुंदरता की ओर एक कदम
दिल्ली में इस तरह के अभियानों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यहाँ की जनसंख्या और राजनीतिक गतिविधियाँ दोनों ही उच्च स्तर पर हैं। अनधिकृत विज्ञापनों की भर्मार से न सिर्फ शहरी सौंदर्य प्रभावित होता है, बल्कि यह वातावरणीय प्रदूषण का भी कारण बनता है। ऐसे में, दिल्ली नगर निगम का यह कदम शहर की छवि को बेहतर बनाने के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन में भी योगदान देता है।
आगे की राह
इस प्रक्रिया में आम नागरिकों की भागीदारी और जागरूकता भी महत्वपूर्ण है। नागरिकों को अपने आस-पास के क्षेत्रों में अनधिकृत विज्ञापनों की सूचना नगर निगम को देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि समय रहते इन्हें हटाया जा सके।
इस अभियान के तहत, शहर के हर कोने में स्वच्छता और सुंदरता की ओर बढ़ते कदमों को देखा जा सकता है। यह न केवल चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाता है, बल्कि यह शहर के नागरिकों के लिए भी एक सुखद अनुभव लाता है।
निष्कर्ष
दिल्ली नगर निगम की यह पहल एक उदाहरण पेश करती है कि कैसे समाज और सरकार के संयुक्त प्रयासों से शहरी वातावरण को बेहतर बनाया जा सकता है। लोकसभा चुनाव के इस मौके पर, यह अभियान न सिर्फ चुनावी नियमों के पालन का एक माध्यम है, बल्कि यह शहर के विकास और स्वच्छता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है