अलप्पुझा (केरल): लोकसभा चुनावों के मौसम में केरल का अलप्पुझा जिला, जिसे अक्सर ‘पूर्व का वेनिस’ कहा जाता है, इस बार चर्चा में है। कांग्रेस ने अपने महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल को उम्मीदवार बनाया है, जो वर्तमान सांसद और शासक CPI(M) के ए एम आरिफ और BJP की ऊर्जावान नेता सोभा सुरेंद्रन के खिलाफ मुकाबला करेंगे।
यहाँ की प्रसिद्ध नौका दौड़ की तरह, जहां जीत प्रतिभागियों के खींचने की शक्ति पर निर्भर करती है, इस निर्वाचन क्षेत्र का इतिहास भी CPI(M)-नीत LDF और कांग्रेस-नीत UDF के पक्ष में बदलते रहने का रहा है, जिससे चुनावी परिणामों का अनुमान लगाना कठिन हो जाता है।
जलपरी के देश में जोरदार जंग
अलप्पुझा अपने कोयर उद्योग, पीछे के जलमार्ग, समुद्र तटों और समुद्री उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र में ऐसे स्थल भी शामिल हैं जो केरल में प्रमुख प्रगतिशील आंदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
इस बार का चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय है और प्रत्येक पार्टी अपने-अपने वोट बैंक को साधने में लगी हुई है। कांग्रेस, CPI(M), और BJP ने अपनी अपनी रणनीतियों के साथ क्षेत्र में अपनी जड़ें मजबूत करने की कोशिश की है।
वेणुगोपाल, आरिफ और सुरेंद्रन के बीच यह मुकाबला न केवल पार्टीगत बल्कि व्यक्तिगत प्रभाव का भी परीक्षण है। जहां वेणुगोपाल कांग्रेस की संगठनात्मक क्षमता को बढ़ाने की कोशिश में हैं, वहीं सुरेंद्रन भाजपा की नई ऊर्जा का प्रतीक हैं, और आरिफ अपने पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों को दोहराने की आशा में हैं।
इस त्रिकोणीय संघर्ष में, जनता का मत न केवल क्षेत्रीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी राजनीतिक दलों की भविष्य की दिशा तय करेगा। चुनावी बाजी में हर प्रत्याशी अपनी खींचतान में लगा हुआ है, और इस बार के मतदान में अलप्पुझा के लोगों की आवाज किसे मजबूती देगी, यह देखना दिलचस्प होगा।