लखनऊ (नेहा): प्रदेश में ट्रेनों के गुजरने से पहले रेल ट्रैक पर अवरोध की घटनाएं रुक नहीं रही हैं। दो ऐसी घटनाएं फिर सामने आई हैं। संतकबीर नगर में ट्रैक पर फेंकी गई साइकिल देखकर साबरमती एक्सप्रेस के लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाई। यद्यपि ट्रेन के इंजन में साइकिल फंस गई। इससे पहले 16 अगस्त को साबरमती एक्सप्रेस के साथ कानपुर में घटना हुई थी, जब रेल ट्रैक पर रखा पटरी का टुकड़ा टकराने के बाद ट्रेन बेपटरी हो गई थी। दूसरी घटना ललितपुर में पातालकोट एक्सप्रेस के साथ हुई, जिसके इंजन में ट्रैक पर रखी लोहे की छड़ फंस गई। पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है।
वह घटनास्थल के पास रेलवे की कंस्ट्रक्शन साइट से छह मीटर लंबी यह छड़ चोरी कर ले जा रहा था। अचानक ट्रेन आती देख छड़ ट्रैक पर ही छोड़कर वह भाग गया था। गोरखपुर से चली साबरमती एक्सप्रेस को शनिवार सुबह 5:38 बजे खलीलाबाद रेलवे स्टेशन पहुंचना था। खलीलाबाद से डेढ़ किलोमीटर पहले मुखलिसपुर में ओवरब्रिज के पास ट्रैक पर साइकिल देख लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया। जब तक ट्रेन रुकती, साइकिल इंजन में फंस गई। चालक ने कंट्रोल रूम को सूचना दी। एसपी सत्यजीत गुप्ता, एएसपी सुशील कुमार सिंह, जीआरपी व आरपीएफ थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। जांच के बाद पूरी तरह क्षतिग्रस्त साइकिल को इंजन से निकाला गया। ट्रेन लगभग 10 मिनट रुकी रही।
पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह किसी की शरारत लग रही है। एसपी ने बताया कि कुचक्र और दुर्योग दोनों पहलुओं पर गंभीरता से जांच कराई जा रही है। उधर, आरपीएफ कमांडेंट चंद्रमोहन का कहना है कि ट्रैक मित्रों से पता चला है कि दो बच्चे साइकिल ले जाते दिखे थे। संभव है, ट्रेन देख साइकिल छोड़ भाग गए होंगे। बच्चे चिह्नित कर लिए गए हैं, उनसे पूछताछ की जाएगी। ललितपुर में गुरुवार रात जखौरा-दैलवारा रेलवे लाइन पर रखी लोहे की छड़ (छह मीटर लंबी व डायमीटर 20 मिलीमीटर) पातालकोट एक्सप्रेस के इंजन में फंस गई। गेटमैन भरत राजपूत ट्रेन को पास कराते समय गेट से 100 मीटर पहले पहिये से अचानक चिंगारियां उठते देख तत्काल रेलवे स्टेशन दैलवारा के स्टेशन अधीक्षक अर्जुन झा को सूचना दी।
स्टेशन अधीक्षक की सूचना पर लोको पायलट ने तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी और इंजन में फंसी लोहे की छड़ बाहर निकाली। इसके बाद ट्रेन रवाना हो गई। पीडब्ल्यूआइ निकेत गुप्ता ने जखौरा थाना प्रभारी को घटनाक्रम की सूचना देकर रेल को नुकसान पहुंचाने की आशंका जताई। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस सुराग लगाते हुए सत्यम यादव तक पहुंची जो रेलवे का लोहा चुरा कर बेच चुका है। उसने पूछताछ में स्वीकारा कि वह लोहे की छड़ चोरी करके घर ले जा रहा था। वह रेलवे ट्रैक पार कर रहा था, तभी ट्रेन आ गई। हड़बड़ाहट में छड़ छूट गई और वह भाग गया।