लखनऊ (नेहा): सड़क दुर्घटना रोकने के लिए गोवंशों के गले में गले में रेडियम की पट्टी बांधी जाएगी। फिलहाल प्रदेश के राजमार्ग सहित सभी प्रमुख सड़कों के समीप स्थित गांवों के किसानों और पशुपालकों के मवेशियों के गले में रेडियम की पट्टी लगाई जाएगी। इस मद में 50 लाख रुपये की राशि उत्तर प्रदेश गो संरक्षण एवं संवर्धन कोष नियमावाली-2019 के तहत गठित आरक्षित कोष से व्यय होगी। इस संबंध में सोमवार को शासनादेश जारी कर दिया गया है। दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव के रवींद्र नायक ने सभी जिलाधिकारियों को जारी निर्देश में समाचार पत्रों, जनप्रतिनिधियों व अन्य माध्यमों से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्यमार्ग व अन्य मार्गों के समीप स्थित गांवों के पशुपालकों द्वारा गोवंशों को चराने के लिए चारागाह तक ले जाने के दौरान प्राय: सड़क पार की जाती है।
सड़क पार करने के दौरान बड़े पैमाने पर दुर्घटनाओं की सूचनाएं प्राप्त हो रहीं हैं। वाहनों से टकराने से गोवंश भी चोटिल हो रहे हैं। रेडियम पट्टी डाले जाने से गोवंश दूर से दिखाई दे सकेंगे, इससे उनकी सुरक्षा के साथ ही सड़क पर आवागमन कर रहे लोग भी आकस्मिक दुर्घटना से सचेत और सतर्क रहेंगे। पशुधन विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने पशु चिकित्साधिकारियों को सप्ताह में दो दिन गौआश्रय स्थलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। सोमवार को विभागीय समीक्षा बैठक में जिलों के नोडल अधिकारियों को भी उन्होंने आश्रय स्थलों का नियमित अंतराल पर निरीक्षण करने का निर्देश दिया। सिंह ने कहा कि गौ संरक्षण केंद्रों की स्थापना का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए और सभी अधूरे कार्य फरवरी-2025 तक पूर्ण किए जाएं। बता दें कि प्रदेश के 7589 गोआश्रय स्थलों पर 12,08,088 निराश्रित गोवंश संरक्षित किए गए हैं। बैठक में पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव के रवींद्र नायक, विशेष सचिव देवेंद्र पांडेय, पशुपालन विभाग के निदेशक डा. पीएन सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।