धार (राघव): भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीले कचरे को निपटाने के लिए धार जिले के पीथमपुर शिफ्ट किए जाने के खिलाफ शुक्रवार को लोग सड़कों पर उतर आए। लोगों ने इसके खिलाफ खूब प्रदर्शन किया और खतरनाक कचरे को ले जाने वाले कंटेनरों को वापस भेजने की मांग की। दुनिया की सबसे खराब औद्योगिक आपदा के रूप में चर्चित “भोपाल गैस त्रासदी” के चार दशक बाद, यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री साइट से जहरीले कचरे को सुरक्षित निपटान के लिए 1 जनवरी की रात को पीथमपुर ले जाया गया था। इसके खिलाफ लोग अब प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि 2 और 3 दिसंबर 1984 की मध्यरात्रि को यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के कीटनाशक संयंत्र से घातक गैस लीक होने के बाद भोपाल गैस त्रासदी ने कई हजार लोगों की जान ले ली थी।
जानकारी के अनुसार, आज सुबह से ही पीथमपुर पूरी तरह से बंद है और कहीं भी दुकानें नहीं खुली हैं। लोग स्वेच्छा से अपने दुकानें बंद रख रहे हैं। सड़कों पर भारी संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान पुलिस को भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। इंदौर से कई संगठन, मजदूर संघ और किसान संघ के सदस्य बड़ी संख्या में पीथमपुर पहुंचे हैं। इन लोगों ने भी स्थानीय लोगों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया। कचरे को पीथमपुर में जलाने के विरोध में यह प्रदर्शन लगातार जारी है।
सीएम मोहन यादव ने कल स्थानीय लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। कैलाश विजयवर्गीय ने भी विरोध के दौरान एक बैठक में इस मुद्दे पर चिंता जताई, लेकिन उनकी अपील भी प्रदर्शनकारियों को शांत नहीं कर सकी। सैलाना से विधायक कमलेश्वर डोडियार ने भी जहरीले कचरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया है। डोडियार ने कहा, पीथमपुर, इंदौर और धार के लोगों को यूनियन कार्बाइड के जहर से मरने नहीं देंगे। सरकार को इसके लिए या तो कोई दूसरा स्थान तलाशना होगा या फिर इस कचरे को अमेरिका भेजना चाहिए, क्योंकि कचरा अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड ने ही उत्पन्न किया है। गौरतलब है कि कमलेश्वर डोडियार पहले भी रतलाम जिला अस्पताल में डॉक्टर से विवाद के चलते सुर्खियों में आए थे। धरना-प्रदर्शन में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। इसके बाद उन्होंने विधानसभा भवन के बाहर मौन धरने पर बैठकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाई थी। अब वे पीथमपुर में चल रहे इस आंदोलन में भी शामिल हो गए हैं।