दिल्ली (नेहा): महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) ने ठाणे जिले के बदलापुर के एक स्कूल में बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले को लेकर 24 अगस्त को ‘महाराष्ट्र बंद’ का आह्वान किया है। बुधवार को एक बैठक के दौरान इसका फैसला लिया गया। महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के सहयोगी दल शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा, महाराष्ट्र में लोग परेशान हैं। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं। बदलापुर की घटना किसी और शहर में न हो, इसलिए एमवीए ने महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है।
शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी (एसपी)-एससीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि यह सरकार असंवैधानिक है। इस सरकार के शासनकाल में क्राइम में वृद्धि हुई है। इसलिए महाराष्ट्र बंद आवश्यक है। वहीं कांग्रेस नेता बाळासाहेब थोरात ने कहा कि हमने बदलापुर की घटना को गंभीरता से लिया है। इसलिए 24 अगस्त को बंद का आह्वान किया गया है। महाराष्ट्र विकास अघाड़ी ने 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद आह्वान किया है। गूगल ट्रेंड में सुबह से ही महाराष्ट्र बंद टॉप ट्रेंड में बना हुआ है।
इस बारे में सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई भी दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। हालांकि, एहतियातन स्कूल और कॉलेजों के बंद रह सकते हैं। 24 अगस्त को शनिवार है तो ज्यादातर सरकारी संस्थानों की छुट्टी होती है। महाराष्ट्र सरकार ने अभी बस और मेट्रो को लेकर भी कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं यिका है। यूं तो बस और मेट्रो का संचालन सामान्य दिनों की तरह ही होगा। अगर किसी तरह की अराजकता की स्थिति बनी तो बस और मेट्रो का संचालन रोका जा सकता है।
24 अगस्त को महीने का चौथा शनिवार है, इसलिए देशभर में बैंक बंद रहेंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नियमों के अनुसार, महीने दूसरे और चौथे शनिवार को बैंक बंद रहते है। इसके अलावा, रविवार, राष्ट्रीय अवकाश और क्षेत्रीय छुट्टियों पर भी बैंक बंद रहते हैं। महाराष्ट्र बंद से तीन दिन पहले यानी 21 अगस्त को दलित और आदिवासी संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था। दरअसल,ये संगठन एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लागू करने की इजाजत देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे।
भारत बंद या महाराष्ट्र बंद.. इसका मतलब देश या राज्य की कुछ सेवाओं जैसे- बस, दुकानें, टैक्सी आदि को बंद कर विरोध प्रदर्शन है। ऐसा लोग सरकार या किसी संस्था से अपनी मांगें मनवाने के लिए करते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि संविधान के अनुच्छेद 19 के अंतर्गत हर किसी को अपनी बात रखने और शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार है। यानी बिना किसी हथियार के कहीं पर भी इकट्ठा होकर लोग शांतिपूर्वक विरोध जता सकते हैं। इसलिए कोई भी संस्था/संगठन/लोग ‘भारत बंद’ या बंद बुला सकते हैं। भारत बंद या महाराष्ट्र बंद अथवा किसी भी विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने और प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।