नई दिल्ली (किरण): दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी के सीएम बनने से लंबित परियोजनाओं में तेजी आने की संभावना है। आतिशी को शहर की सरकार के कामकाज में तेजी लाने और फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रमुख परियोजनाओं और योजनाओं को पटरी पर लाने के लिए काम करना होगा। आप सरकार का कामकाज पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पांच महीने के कारावास के कारण प्रभावित हुआ है।
आतिशी को मुख्यमंत्री बनने के बाद अब अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान बहुत सी समस्याओं से निपटना होगा , उन्हें ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ के तहत दिल्ली में पात्र महिलाओं को 1,000 रुपये मानदेय देने के केजरीवाल के वादे को लागू करना सुनिश्चित करना होगा। यह महात्वाकांक्षी योजना लागू करना भी उनके लिए एक चुनौती होगी।
आने वाले समय को ध्यान में रखते हुए आतिशी ने अपने गुरु केजरीवाल को बड़ी जिम्मेदारी के लिए धन्यवाद देते हुए यह जरूर कहा है कि वह उनके मार्गदर्शन में सरकार चलाएंगी। उन्होंने जोर देकर कहा है कि वह दिल्ली के लोगों के हितों की रक्षा करेंगी। मगर राजनीतिक जानकारों की मानें तो आतिशी सरकार में काम कराना भी प्राथमिकता होगी, इसके लिए उन्हें सरकार की पूर्व की स्टाइल बदलनी पड़ेगी।
अगर वह केजरीवाल की स्टाइल में अपना काम जारी रखेंगी तो टकराव होगा, जिससे काम नही हो सकेगा। उनकी मानें तो टकराव में भी कई बार राजनीतिक दलों को लाभ होता है तो कई बार नुकसान भी हो जाता है। ऐसे में आप सरकार शायद इस तरह की प्रक्रिया नही ही अपनाए। अधिकारी भी मान रहे हैं कि आतिशी के सामने सबसे कठिन काम एलजी कार्यालय के साथ स्वस्थ संबंध स्थापित करना होगा, क्योंकि दिल्ली सरकार के विभिन्न प्रकार के शासन के साथ-साथ कल्याण और विकास संबंधी कार्यों के लिए उनकी मंजूरी की आवश्यकता है।
अधिकारियों के अनुसार आतिशी के सामने सबसे बड़ा काम नए मंत्रिमंडल का गठन के बाद ग्रुप ए की पोस्टिंग के लिए महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजधानी नागरिक सेवा प्राधिकरण की बैठक आयोजित करना, डोरस्टेप डिलीवरी की सेवा योजना को फिर से शुरू करना, दिल्ली ईवी नीति 2.0 और सौर नीति को मंजूरी देना आदि है।
नई मुख्यमंत्री के लिए कल्याणकारी योजनाओं और सड़क, जलापूर्ति, सीवरेज, प्रदूषण, ईवी पर सब्सिडी शुरू करने के साथ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के वेतन संशोधन से संबंधित बुनियादी ढांचे से संबंधित परियोजनाओं पर लंबित काम को गति देने के लिए लगातार बैठकें करनी पड़ेंगी। मोहल्ला क्लीनिक और प्रीमियम बसों जैसी परियोजनाओं और योजनाओं का शुभारंभ, अस्पतालों, स्कूलों और फ्लाईओवरों का उद्घाटन और नई पहल आने वाले हफ्तों में नई मुख्यमंत्री के कार्यभार संभालने के साथ ही शुरू हो सकती हैं।