भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से वेस्ट उत्तर प्रदेश को अपने चुनाव प्रचार का केंद्र बनाया है। मेरठ, जिसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का शहर माना जाता है, वहाँ पर पीएम मोदी ने अपनी जनसभा की घोषणा की है। यह सभा मोदीपुरम आलू शोध संस्थान में आयोजित की जाएगी, जो कि 2024 के आम चुनावों के मद्देनजर उनकी पहली जनसभा होगी।
एक बार फिर वेस्ट यूपी से शुरुआत
पीएम मोदी का मेरठ से विशेष लगाव है, जहाँ उन्होंने पहले भी दो चुनावों की शुरुआत की थी। 2014 में, उन्होंने मेरठ में उन छोटी-छोटी बातों का उल्लेख किया था जिन पर दंगे हो जाया करते हैं। वहीं, 2019 के चुनाव में उन्होंने ‘मैं चौकीदार हूं’ के नारे के साथ एक नई पहचान स्थापित की।
मेरठ के चुनावी मंच से पीएम मोदी ने अपने विरोधियों पर तीखे प्रहार किए और आगामी चुनावों में भाजपा की जीत के लिए जनता से समर्थन मांगा। इस बार, भाजपा ने मेरठ से अरुण गोविल को अपना प्रत्याशी बनाया है, जिनका समर्थन करने पीएम मोदी स्वयं मेरठ पहुँच रहे हैं।
चुनावी ‘बाण’ और संदेश
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए, पीएम मोदी का उद्देश्य पूरे देश में एक मजबूत संदेश देना है। मेरठ की धरती से उनके द्वारा चलाए गए चुनावी ‘बाण’ न केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे भारत में गूँज उठेंगे।
इस चुनावी जंग में, पीएम मोदी की स्ट्रेटेजी स्पष्ट है – विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाना और जनता से जुड़ना। उनके इस अभियान से यह भी स्पष्ट होता है कि वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को कितना महत्व देते हैं और उनका मानना है कि यह क्षेत्र न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए एक मजबूत संदेश भेज सकता है।
आगामी चुनावों में पीएम मोदी की यह जनसभा न केवल उनके चुनावी अभियान की शुरुआत है बल्कि यह एक संकेत भी है कि वे अपनी रणनीति में किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोड़ना चाहते। मेरठ की इस जनसभा के माध्यम से, पीएम मोदी ने एक बार फिर से अपनी चुनावी तैयारियों का परिचय दिया है और जनता के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित करने का प्रयास किया है।