नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक अंतरराष्ट्रीय दवा तस्करी रैकेट की जांच के लिए एक मनी लॉन्ड्रिंग मामला दर्ज किया है, जिसमें गिरफ्तार किए गए DMK के एक पूर्व सदस्य की कथित भूमिका शामिल है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
धन शोधन के खिलाफ कार्रवाई
इस मामले को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत कई FIRs, जिसमें हालिया नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के मामले का संज्ञान लेते हुए दायर किया गया है। 36 वर्षीय जाफर सादिक को लगभग 3,500 किलोग्राम पस्यूडोएफेड्रिन की अवैध तस्करी में उसकी कथित भागीदारी के लिए शनिवार को गिरफ्तार किया गया था, जिसकी सड़क मूल्य रु 2,000 करोड़ से अधिक है।
ED जांच करेगा कि क्या अवैध नारकोटिक्स व्यापार से अर्जित धन का उपयोग आरोपी द्वारा चल और अचल संपत्तियां बनाने के लिए धन शोधन किया गया था। यह जांच NCB की जांच के समानांतर चलेगी, सूत्रों ने कहा।
प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई नशीली दवाओं के खिलाफ एक मजबूत संदेश भेजती है और ऐसे अपराधों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ एक कठोर स्थिति अपनाती है। इस मामले का विस्तार से अध्ययन न केवल धन शोधन की प्रक्रियाओं को उजागर करेगा बल्कि इससे जुड़े व्यापारिक नेटवर्कों को भी बेनकाब करेगा।
ED का यह कदम देश में नारकोटिक्स व्यापार के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस तरह के संगठित अपराधों के खिलाफ जांच और कार्रवाई न केवल अपराधों को रोकने में मदद करेगी बल्कि समाज में एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण बनाने में भी योगदान देगी।