14 मार्च 2024 को हरियाणा के सोनीपत जिले में एक शोकांतिका घटना सामने आई। शराब कारोबारी सुंदर मलिक की उनके ही कार में लगाए गए जीपीएस ट्रैकर के माध्यम से पहचान कर, उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया गया। इस घटना को भाऊ गैंग के सरगना साहिल ने सोशल मीडिया पर स्वीकार किया।
मलिक की मौत के बाद, पुलिस ने जांच के दौरान तीन सहायकों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने शार्प शूटरों की मदद की थी। इनमें से एक, सन्नी उर्फ फौजी, मलिक का साथी था और उसी ने मलिक की गाड़ी में जीपीएस लगाया था।
कार में लगा जीपीएस बना कातिलों का हथियार
मलिक की हत्या सोनीपत के मुरथल स्थित गुलशन ढाबे पर हुई, जहाँ उन पर 35 राउंड फायरिंग की गई। इस घटना को सीसीटीवी में कैद किया गया था, जिससे पुलिस को जांच में मदद मिली। हालांकि, हत्यारों को पकड़ा नहीं गया है, पुलिस ने उनकी मदद करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों ने रेकी करके मलिक की लोकेशन शूटरों को प्रदान की थी, जिससे उनकी हत्या की योजना को अंजाम दिया जा सका। सन्नी उर्फ फौजी ने मलिक की गाड़ी में जीपीएस लगाकर और उसकी लोकेशन शार्प शूटरों को देकर इस हत्याकांड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पुलिस ने अब रामेश्वर उर्फ कल्लू बुसाना और नवीन मलिक को भी गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ हैं, जो संदेहियों को न्याय के कटघरे में लाने की ओर एक कदम है।
इस घटना ने न केवल सोनीपत बल्कि पूरे हरियाणा में सुरक्षा और अपराध नियंत्रण के उपायों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अधिक सतर्क और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।