नेपाल (नेहा): नेपाल में शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शन के दौरान घरों को जलाने और वाहनों में तोड़फोड़ करने वाले 105 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वे राजतंत्र की बहाली और हिंदू राज्य की मांग कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए लोगों में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के महासचिव धवल शमशेर राणा और पार्टी के केंद्रीय सदस्य रवींद्र मिश्रा शामिल हैं। प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया जब आंदोलन के संयोजक दुर्गा प्रसाई सुरक्षा बैरिकेड तोड़कर संसद भवन की ओर बढ़ गए। काठमांडू जिला पुलिस रेंज के पुलिस अधीक्षक अपिल बोहरा ने बताया कि प्रसाई अभी फरार है। अधिकारियों ने शनिवार को काठमांडू के पूर्वी हिस्से में तनाव कम होने के बाद कर्फ्यू हटा लिया।
सूत्रों के मुताबिक, नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह पर शुक्रवार को हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। शनिवार सुबह सोशलिस्ट फ्रंट के तोड़फोड़ वाले कार्यालय का दौरा करने वाले दहल ने सरकार से पूर्व राजा को दी गई स्वतंत्रता को सीमित करने का भी आह्वान किया। दहल ने कहा कि स्पष्ट हो गया है कि इन सभी कृत्यों के पीछे ज्ञानेंद्र शाह का हाथ है। उन्होंने कहा, ‘शाह की मंशा ठीक नहीं है। यह पहले भी देखा गया है और अब भी देखा जा रहा है। समय आ गया है कि सरकार सख्त कार्रवाई करे।’ दहल ने सरकार पर राजतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शन से निपटने वाली तैयारियों में कमी का आरोप लगाया।