काठमांडू (राघव): नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने सोमवार को अपनी चार दिवसीय चीन यात्रा के लिए प्रस्थान किया। यह उनके कार्यकाल की पहली पड़ोसी देश यात्रा है। चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग के निमंत्रण पर हो रही इस यात्रा के दौरान ओली 39 सदस्यीय उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। उनकी पत्नी राधिका शाक्य भी उनके साथ गई हैं। 2 से 5 दिसंबर तक चलने वाली इस यात्रा में प्रधानमंत्री ओली बीजिंग में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली क्विंग से मुलाकात करेंगे। इन बैठकों में द्विपक्षीय संबंधों, आर्थिक साझेदारी, व्यापार, निवेश और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है।
नेपाल के विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, ओली चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति के अध्यक्ष झाओ लेजी से भी मुलाकात करेंगे। इस दौरान, ओली पेकिंग विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में भाग लेंगे। यह अवसर उन्हें चीनी छात्रों और शिक्षाविदों के साथ संवाद करने का अवसर देगा, जो नेपाल और चीन के बीच सांस्कृतिक और शैक्षिक सहयोग को बढ़ाने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ओली चीन समर्थक नेता माने जाते हैं। उनकी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) और नेपाली कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार चीन और भारत दोनों के साथ संतुलित संबंध चाहती है। ओली के कार्यकाल में नेपाल ने चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत कई परियोजनाओं में सहयोग किया है। यह यात्रा इस पहल के तहत हो रहे कामों की समीक्षा और नई योजनाओं पर चर्चा का भी अवसर हो सकती है।
ओली से पहले 2008 में पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने प्रधानमंत्री बनने के बाद सबसे पहले चीन का दौरा किया था। आमतौर पर नेपाल के प्रधानमंत्री अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को प्राथमिकता देते हैं। ओली की यह यात्रा नेपाल की विदेश नीति में एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाती है। ओली का यह दौरा नेपाल और चीन के बीच परिवहन और कनेक्टिविटी परियोजनाओं को लेकर भी महत्वपूर्ण हो सकता है। नेपाल-चीन सीमा पर आर्थिक गलियारों और रेलवे नेटवर्क के विस्तार पर चर्चा की संभावना है, जो नेपाल को वैकल्पिक व्यापार मार्ग प्रदान कर सकता है।