नई दिल्ली: भारतीय किसान कांग्रेस ने बुधवार को लोकसभा चुनावों के लिए अपने चुनावी घोषणापत्र में किसानों को दिए गए पांच वादों की प्रशंसा की है। इस संगठन का मानना है कि ये गारंटियां देश में किसानों की दुर्दशा को दूर करने में एक लंबी छलांग साबित होंगी।
भारतीय किसान कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए, इसके अध्यक्ष सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि आज की कार्यकारिणी बैठक में एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को इन गारंटियों के लिए धन्यवाद दिया गया।
किसानों के लिए कांग्रेस के पांच वादे
खैरा ने बताया कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी दर्जा देने की पहली गारंटी देश भर के किसानों की एक दीर्घकालिक मांग को पूरा करेगी।
इस ऐतिहासिक पहल को अमल में लाने के लिए, कांग्रेस ने कृषि क्षेत्र में सुधारों की एक व्यापक योजना प्रस्तुत की है। ये वादे न केवल किसानों के जीवन स्तर में सुधार करेंगे, बल्कि भारतीय कृषि को भी एक नई दिशा प्रदान करेंगे।
खैरा ने आगे कहा कि ये गारंटियां कृषि समुदाय के लिए एक नई सुबह की तरह हैं, जो उन्हें आर्थिक संकट से उबारने और एक सुरक्षित भविष्य प्रदान करने का वादा करती हैं।
उन्होंने बताया कि किसानों को सशक्त बनाने और उनके जीवन में स्थायित्व लाने के लिए बाकी चार गारंटियां भी महत्वपूर्ण हैं। इनमें कर्ज माफी, बेहतर कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर, उन्नत तकनीकी सहायता, और कृषि उत्पादों के बेहतर मूल्यांकन की सुविधाएं शामिल हैं।
कृषि सुधारों की नई दिशा
ये पहलें किसानों को न केवल वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेंगी, बल्कि उन्हें बाजार की बदलती दिशाओं के अनुरूप खुद को ढालने में भी मदद करेंगी। इसके अलावा, कृषि प्रणाली में तकनीकी सुधारों को अपनाने से किसानों को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य प्राप्त होगा।
भारतीय किसान कांग्रेस की इस पहल को देश भर के किसानों ने सकारात्मक रूप से लिया है। उनका मानना है कि ये गारंटियां कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकती हैं, जो भारतीय कृषि को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाएगी।
समापन में, खैरा ने जोर देकर कहा कि ये पांच गारंटियां किसानों के लिए एक वरदान साबित होंगी और उनके जीवन में एक नया सवेरा लेकर आएंगी। उन्होंने सभी किसानों से इस नए युग के आगाज में शामिल होने और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने की अपील की। उनका कहना था कि यह समय किसान समुदाय को एकजुट होकर अपने हकों के लिए लड़ने और एक बेहतर भविष्य की नींव रखने का है।
इस प्रयास में, खैरा ने भारतीय किसान कांग्रेस की ओर से सरकार और संबंधित प्राधिकरणों से इन गारंटियों को लागू करने की दिशा में तत्परता दिखाने की मांग की। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये गारंटियां केवल कागजों पर न रहें, बल्कि धरातल पर भी उनका अमल हो, जिससे किसानों का जीवन सुधरे।
आशाओं का नया अध्याय
खैरा के इन विचारों ने देश भर के किसानों के मन में एक नई आशा की किरण जगाई है। वे इसे अपने संघर्षों के लिए एक नई दिशा और संभावनाओं का द्वार मान रहे हैं। किसान समुदाय का कहना है कि यदि ये गारंटियां सही मायने में लागू होती हैं, तो यह उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकती हैं।
इस पूरे प्रयास को देखते हुए, भारतीय किसान कांग्रेस और इसके नेताओं की ओर से एक सकारात्मक कदम के रूप में आंका जा रहा है। यह न केवल किसानों के हित में है, बल्कि यह देश की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।