दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और उन्हें तिहाड़ जेल भेजे जाने का मामला राजनीतिक और कानूनी हलकों में चर्चा का केंद्र बिंदु बना हुआ है। केजरीवाल की गिरफ्तारी शराब नीति केस से संबंधित है, जिसे उन्होंने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।
कानूनी लड़ाई तेज
इस मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा केजरीवाल को नोटिस जारी किए जाने के बाद, उन्हें 15 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया। इसके बाद, आम आदमी पार्टी की ओर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की घोषणा की गई, जिसमें बड़े खुलासे की बात कही गई।
आम आदमी पार्टी की मंत्री आतिशी ने कहा कि वे सुबह 10 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ विस्फोटक खुलासे करेंगी। यह खुलासा इस बात को लेकर किया जा सकता है कि ईडी ने किस तरह से केजरीवाल से जुड़े व्यक्तियों के नाम लिए थे।
ईडी द्वारा अरविंद केजरीवाल से पूछताछ के दौरान आतिशी और सौरभ भारद्वाज का नाम आना इस मामले को और भी जटिल बना देता है। केजरीवाल ने दावा किया कि विजय नायर ने उन्हें नहीं, बल्कि आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट किया था।
इस बीच, केजरीवाल के समर्थक और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता उनकी रिहाई के लिए अभियान चला रहे हैं। उनका कहना है कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध का नतीजा है और इसके पीछे कोई ठोस सबूत नहीं है।
मामले की सुनवाई कल होनी है, जिसमें उम्मीद की जा रही है कि अदालत केजरीवाल की याचिका पर विचार करेगी। यह मामला न केवल दिल्ली की राजनीति बल्कि पूरे देश की राजनीति पर प्रभाव डालने की संभावना रखता है।