रांची (राघव): झारखंड की राजधानी रांची के 73 अस्पतालों पर क्लिनिकल इस्टेबलिशमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई करने की तैयारी है। इन अस्पतालों में आयुष्मान योजना का लाभ मरीजों को नहीं मिल सकेगा। इन अस्पतालों ने अपने अस्पताल के नाम के साथ रिसर्च शब्द लगाया है, जबकि आज तक किसी प्रकार का कोई रिसर्च हुआ ही नहीं है। इन अस्पतालों में छोटे नर्सिंग होम से लेकर बड़े अस्पताल तक शामिल हैं। सिर्फ रिम्स, सीआइपी और रिनपास में ही शोधकार्य किए जा रहे हैं। सिविल सर्जन डा. प्रभात कुमार ने इन अस्पतालों को नोटिस देते हुए पूछा है कि आज तक आपलोगों द्वारा कौन सा शोधकार्य किया गया है। इन सभी अस्पताल प्रबंधकों को एक सप्ताह के अंदर अपने शोधकार्य की रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है। रिपोर्ट जमा नहीं होने पर इन सभी पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही रिसर्च जैसे शब्द को हटवाया जाएगा।
जिला डाटा प्रबंधक संजय तिवारी बताते हैं कि बड़ी चालाकी के साथ इन अस्पतालों ने रिसर्च शब्द अपने अस्पताल के बोर्ड में जोड़ा है। जिससे पहला लाभ तो लोगों का आकर्षण बढ़ता है, जिसमें वे सोचते हैं कि इस अस्पताल में शोध जैसे कार्य होते हैं और यही देख मरीजों की संख्या बढ़ती है।