बागपत (नेहा):अब पुलिसकर्मियों को किराये के मकान में रहना नहीं पड़ेगा, शीघ्र ही उन्हें सरकारी आवास मिलेंगे। रिजर्व पुलिस लाइन और थानों में तेजी से भवन निर्माण कराया जा रहा है। नौ मंजिला भवन में दो लिफ्ट लगेंगी। आवास में आने-आने के लिए सीढ़ियों पर चलने की जरूरत नहीं होगी। कार्यदायी संस्था महिला हास्टल को शीघ्र ही पुलिस के हैंड आवर करेगी। बागपत काे जनपद का दर्जा मिले 26 साल से अधिक हो गए हैं, लेकिन अभी भी सुविधा का अभाव हैं। पहले तो यहां पर पुलिस कर्मियों की कमी हैं, जितने हैं उन्हें भी मूलभूत सुविधा नहीं मिल रही है। उनके निवास के लिए पर्याप्त सरकारी आवास भी नहीं है। कुछ किराये के मकान में रहते हैं तो कुछ दूसरे जनपद में रहते हैं। जो प्रतिदिन अपने निजी वाहन या यात्री वाहन से आते-जाते हैं।
इस समस्या से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार निजात दिलाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए रिजर्व पुलिस लाइन और थानों में आवास, हास्टल व बैरक का तेजी से निर्माण चल रहा है। कार्यदायी संस्था 32 कमरों का महिला हास्टल पुलिस को हैंड आवर करने जा रही है। अगले तीन से चार माह में 150 आवास का नौ मंजिला भवन भी पुलिस को हैंड आवर हो जाएगा। इनके मिलने पर पुलिसकर्मियों को किराये के मकान में नहीं रहना पड़ेगा।
किराये के मकान में रहने वाले कई पुलिस कर्मियों ने बताया कि सरकारी आवास मिलने से बहुत राहत मिलेगी। किराये के मकानों में रहना बहुत मुश्किल है। मकान स्वामी मनमर्जी किराया वसूलते हैं। कुछ मकान मालिक तो किराये पर कमरा देने से पहले पूछते हैं कि रात को देरी से तो नहीं आओंगे। ऐसे में किराये पर कमरा मिलने में भी दिक्कत होती है। रिजर्व पुलिस लाइंस व थानों में करीब 200 आवास हैं। जो स्टाफ की अपेक्षा बहुत कम हैं। आवास के लिए सिफारिश का दौर चलता था। रिजर्व पुलिस लाइन और थानों में भवन निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। महिला हास्टल शीघ्र ही पुलिस को हैंड आवर होने जा रहा है। इनके मिलने के बाद आवास की कमी दूर होगी।