नई दिल्ली (राघव): ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है। भाविश अग्रवाल के मालिकाना हक वाली कंपनी के शेयर सोमवार (9 सितंबर) को शुरुआती कारोबार में ही 5 फीसदी से अधिक गिर गए। उसके करीब 18.18 करोड़ शेयरों का लॉक-इन पीरियड भी आज खत्म हो गया। इसका मतलब है कि अब इन शेयरों को बेचने पर लगी बंदिश हट गई। इससे निवेशक चाहें, तो वे इन शेयरों को बेचकर कंपनी से बाहर निकल सकते हैं। हालांकि, ऐसा करना जरूरी नहीं है। सूत्रों के मुताबिक- 5 सितंबर 2024 से 30 नवंबर 2024 के बीच ओला इलेक्ट्रिक समेत कुल 38 कंपनियों के करीब 21 अरब डॉलर के शेयरों का लॉक-इन पीरियड खत्म होगा। हालांकि, ब्रोकरेज ने यह भी स्पष्ट किया कि इन सभी शेयरों की बिक्री नहीं होगी, क्योंकि इनका बड़ा हिस्सा प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप के पास भी है।
ओला इलेक्ट्रिक के शेयर दोपहर 1 बजे तक 5.10 फीसदी की गिरावट के साथ 103.98 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। हालांकि, उसके बाद शेयरों में तेज रिकवरी दिखी और यह 4.13 फीसदी उछाल के साथ 114.10 रुपये पर बंद हुआ। ब्रोकरेज फर्म HSBC ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों को 140 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ कवर कर रही है। उसका भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) को लेकर काफी रूढ़िवादी नजरिया है। लेकिन, ब्रोकरेज को लगता है कि भारत सरकार पॉलिसी के मोर्चे पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लगातार सपोर्ट दे रही है। वहीं, ओला के पास बैटरी मैन्युफैक्चरिंग की सहूलियत है, जिसकी बदौलत वह लागत कम कर सकती है। यही वजह है कि HSBC ने ओला को निवेश के लायक बताया है।