अयोध्या (नेहा): अपने आराध्य प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव के उल्लास में रामनगरी डूब चुकी है। उत्सव में सहभागी बनने को दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। पूरी नगरी राम जन्म के आह्लाद में निमग्न है। रामनगरी के सभी प्रवेश द्वारों से लेकर राम मंदिर सहित पूरे रामजन्मभूमि परिसर का दृश्य अलौकिक सा प्रतीत हो रहा है। रविवार को मध्याह्न 12 बजे रघुकुल में रामलला का जन्म होते ही यह उल्लास चरम पर होगा। जन्मोत्सव से जुड़ी समस्त तैयारियां अंतिम स्पर्श पा चुकी हैं। श्रद्धालुओं के लिए सभी बिंदुओं पर व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। सुरक्षा से जुड़े उपायों पर भी विमर्श किया गया है। चैत्र शुक्ल नवमी सम्वत् 2082 तद्नुसार छह अप्रैल को नव्य-भव्य राम मंदिर में दूसरी बार राम जन्मोत्सव आयोजित हो रहा है। इसके लिए चहुंओर तैयारियां की गई हैं। एक ओर रामलला के धाम की भव्य साज-सज्जा कराई गई है, तो वहीं उत्सव में सहभागिता करने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी सारी व्यवस्थाएं की गई हैं।
सुदूर क्षेत्रों से पहुंचे रामभक्तों को तेज धूप व गर्मी से बचाने के लिए जहां रामजन्मभूमि परिसर व रामजन्मभूमि पथ पर कालीन बिछाई गई है, वहीं रामपथ, भक्तिपथ व धर्मपथ पर भी मैटिंग करा कर जगह-जगह पेयजल, चिकित्सा व शौचालय आदि की व्यवस्थाएं की गई हैं। तेज धूप में पांव न जलें, इसके लिए पानी का छिड़काव व सड़कों की सफाई कराई गई है। रामपथ के साथ सरयू घाटों, राम की पैड़ी, कनक भवन व हनुमानगढ़ी पर बैरीकेडिंग कर दी गई है। रामजन्मभूमि पथ के प्रवेश द्वार के सामने और पूरे अंगद टीला परिसर में बड़े-बड़े पंडाल बनवाए गए हैं। भक्तों की संख्या अधिक होने पर भी रामलला के सुचारु दर्शन के लिए रविवार मध्याह्न तक के लिए सभी पास निरस्त कर दिए गए हैं। डायवर्जन लागू कर यातायात प्रबंधन के लिए चार पहिया वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है। अनुमान व्यक्त किया जा रहा कि लगभग 25 लाख श्रद्धालु उत्सव के सहभागी बन सकते हैं, इस दृष्टि से सभी आवश्यक उपाय पहले ही कर लिए गए हैं।