नई दिल्ली (राघव): इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां आपस में ही बंटी नजर आ रही हैं। एक ओर जहां कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी पार्टियां लगातार ईवीएम पर सवाल उठाती रही हैं तो वहीं आईएनडीआई गठबंधन में शामिल टीएमसी ने इस मुद्दे पर असहमति जताई है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने इस मुद्दे पर आरोपों को केवल बिना सोचा समझा बयान करार दिया। साथ ही मांग की कि ऐसे आरोप लगाने वालों को साबित करके दिखाना चाहिए कि ईवीएम को कैसे हैक किया जा सकता है।
अभिषेक ने कहा, ‘ईवीएम पर सवाल उठाने वाले लोगों के पास अगर कुछ है तो उन्हें चुनाव आयोग को डेमो दिखाना चाहिए। अगर ईवीएम रैंडमाइजेशन के समय काम ठीक से किया गया है और बूथ पर काम करने वाले लोग मॉक पोल और काउंटिंग के दौरान जांच करते हैं तो मुझे नहीं लगता कि इस आरोप में कोई दम है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर फिर भी किसी को लगता है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है तो उन्हें चुनाव आयोग से मिलना चाहिए और दिखाना चाहिए कि ईवीएम को कैसे हैक किया जा सकता है। केवल बेतरतीब बयान देने से कुछ नहीं हो सकता।’
इस बीच महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि पार्टी को ईवीएम में खामियां तभी नजर आती हैं, जब वे चुनाव हार जाते हैं। फडणवीस ने कहा, ‘जब भी कांग्रेस पार्टी चुनाव हारती है तो आत्मनिरीक्षण करने के बजाय किसी और को दोष देती है। जब तक वे आत्मनिरीक्षण नहीं करेंगे, वे चुनाव नहीं जीत पाएंगे। जब वे (कांग्रेस) कर्नाटक, झारखंड में सरकार बनाते हैं तो ईवीएम में कोई समस्या नहीं होती है, लेकिन जब वे महाराष्ट्र हारते हैं तो वे ईवीएम को दोष देते हैं।’ भाजपा ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए हैं। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा, ‘कांग्रेस को कम से कम तब तो इसका एहसास होना चाहिए, जब भारतीय जनता पार्टी के लोग ऐसा कहते हैं। जब हम ऐसा कहते हैं तो वे इसे नहीं समझते, लेकिन अब उनके सहयोगी भी ऐसा कह रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि कम से कम अब उन्हें (कांग्रेस को) यह समझ में आ जाना चाहिए। उन्हें यह एहसास हो जाना चाहिए कि वे राहुल गांधी जैसे नेता के साथ आगे नहीं बढ़ पाएंगे। ममता बनर्जी भी यही कह रही हैं, साथ ही एनसीपी (सपा) प्रमुख शरद पवार और (समाजवादी पार्टी प्रमुख) अखिलेश यादव भी।