बागपत (राघव): राजपुर खामपुर गांव में 50 साल पहले तालाब की जमीन पर मस्जिद निर्माण करना महंगा पड़ा। तहसीलदार अभिषेक कुमार सिंह ने कहा कि 28 नवंबर के बाद तालाब पर बनी इस मस्जिद को गिराया जाएगा। तहसीलदार ने बताया कि फैसला सुनाने के बाद 30 दिन का समय देने का प्रविधान है, इसलिए मस्जिद को तत्काल नहीं गिराई जा सकती है। ऐसे में 28 नवंबर के बाद मस्जिद गिराने की कार्रवाई होगी। बताया कि मस्जिद पूरी तरह तालाब की जमीन पर बनी है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने राजस्व संहिता के आधार पर सुनवाई कर निस्तारण करने का आदेश दिए। 90 दिन का समय निर्धारित किया था। जिला शासकीय अधिवक्ता रेवेन्यू रविंद्र सिंह राठी तथा एडीजीसी रेवन्यू नरेश कुमार ने बताया कि मामले की सुनवाई कर तहसीलदार ने मस्जिद को तालाब की जमीन पर बना पाया। इस टकिया वाली मस्जिद के मुतवल्ली यानी प्रबंधक फरियाद पुत्र वहीद पर भी 4.12 लाख 650 रुपये का अर्थदंड तथा पांच हजार रुपये निष्पादन व्यय आरोपित किया गया था।
नगर पालिका और पुलिस के द्वारा चलाया जा रहा अभियान धीरे-धीरे असर दिखाने लगा है। चौथे दिन जब टीम अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान सड़क पर उतरी तो व्यापारियों के फोन आपस में घनघनाने लगे थे। खुद ही व्यापारियों ने दुकानों के बाहर रखे सामान को समेटना शुरू कर दिया था। टीम ने हाईवे किनारे खड़े ठेले, रेहड़े और दुकान लगाने वालों को हटाया। साथ ही कुछ का चालान भी किया। इसके साथ ही सड़क किनारे खड़ी बाइक, कार और अन्य वाहनों को भी हटवाया। इस दौरान जिन वाहनों के चालक मौजूद नहीं थे, उनके पुलिस ने चालान किए। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी जितेंद्र राणा ने बताया कि चार दिन से अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है। इसका असर दिखाई देने लगा है। चार दिन में पालिका ने 10 हजार रुपये का जुर्मान किया है, जबकि पुलिस ने नौ हजार रुपये का जुर्माना किया है। टीम जब पहले दिन सड़क पर उतरकर अतिक्रमण हटाओ अभियान चला रही थी, तब कुछ दुकानदारों ने विरोध किया था। इस दौरान अधिशासी अधिकारी और पुलिस ने उनको समझाकर शांत कर दिया था। इसके बाद से अभी तक कहीं भी टीम का कोई विरोध नहीं हो रहा है। अधिशासी अधिकारी ने बताया कि दोबारा अतिक्रमण करने के मामले सामने नहीं आ रहे हैं।