लखनऊ (नेहा ): इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने केंद्र सरकार से जानना चाहा है कि ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रदर्शित होने वाली फिल्मों के प्रमाणन के लिए कौन सा अधिकारी जिम्मेदार है। यह सवाल इसलिए उठाया गया है क्योंकि इन प्लेटफॉर्म्स पर दिखाई जाने वाली सामग्री का मापदंड अभी तक स्पष्ट नहीं है।
कोर्ट ने केंद्र और सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) से यह भी पूछा है कि क्या ओटीटी फिल्मों के लिए कोई अलग व्यवस्था है या सीबीएफसी को ही इन्हें प्रमाणित करने का अधिकार है। इस संदर्भ में केंद्र और सीबीएफसी को अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है।
इस मुद्दे पर अगली सुनवाई 13 अगस्त, 2024 को निर्धारित की गई है। तब तक यह उम्मीद की जा सकती है कि केंद्र और सीबीएफसी इस बारे में स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रस्तुत करेंगे।