कोलकाता: भारतीय आधुनिकतावादी चित्रकार केजी सुब्रमण्यन की दो सौ से अधिक कृतियों का संग्रह इस समय एमामी आर्ट में प्रदर्शित हो रहा है। इनमें उनके प्रतिष्ठित उल्टे चित्रों की श्रृंखला और ‘द वॉर ऑफ द रेलिक्स’ म्यूरल के लिए बनाए गए मैकेट शामिल हैं।
इस प्रदर्शनी का नाम ‘एक सौ वर्ष और गिनती: केजी सुब्रमण्यन की पुनर्लेखन’ है, जिसे नैन्सी अडजानिया द्वारा क्यूरेट किया गया है। यह प्रदर्शनी सीगल फाउंडेशन फॉर द आर्ट्स, और एम.एस. यूनिवर्सिटी, बड़ौदा के फाइन आर्ट्स फैकल्टी के सहयोग से आयोजित की गई है।
केजी सुब्रमण्यन: कला के सात दशक
सुब्रमण्यन की कलात्मक यात्रा सात दशकों से अधिक समय तक फैली हुई है। प्रदर्शनी में 1950 के दशक की उनकी प्रारंभिक पेंटिंग्स, 1980 के दशक में चीन की यात्रा के दौरान बनाई गई पोस्टकार्ड आकार की ड्रॉइंग्स, और बड़ौदा के फाइन आर्ट्स मेलों के लिए बनाई गई खिलौने शामिल हैं।
इसके अलावा, प्रदर्शनी में बच्चों की किताबों के लिए हाथ से बनाए गए मॉक-अप्स और म्यूरल्स के लिए प्रारंभिक स्केचेस भी प्रदर्शित किए गए हैं। ये सभी कृतियाँ सुब्रमण्यन की कलात्मक प्रतिभा और उनकी विविधतापूर्ण शैली का प्रमाण हैं।
प्रदर्शनी ‘एक सौ वर्ष और गिनती’ सुब्रमण्यन के जन्म शताब्दी वर्ष को समर्पित है। यह उनके द्वारा की गई कलात्मक खोजों और उनकी तकनीकों को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है, जिससे कला प्रेमियों को उनके कार्यों की गहराई और विस्तार से अवगत कराया जा सकता है।
एमामी आर्ट के इस प्रदर्शनी में आयोजन के माध्यम से सुब्रमण्यन की कलात्मक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है। प्रदर्शनी न केवल उनके कार्यों का संग्रह प्रदान करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे उन्होंने अपनी कला के माध्यम से समाजिक और राजनीतिक परिवर्तनों की व्याख्या की है।
यह प्रदर्शनी कला के छात्रों, इतिहासकारों, और कला के शौकीन लोगों के लिए एक अनमोल संसाधन साबित हो रही है। इसमें शामिल विविध माध्यमों और शैलियों की पेशकश के द्वारा सुब्रमण्यन की कलात्मक दृष्टि का संपूर्ण अवलोकन प्रदान करती है।
केजी सुब्रमण्यन के कार्य और उनकी कलात्मक यात्रा का यह समग्र अवलोकन हमें न केवल उनके चित्रकारी कौशल का अनुभव कराता है, बल्कि यह भी समझाता है कि कैसे एक कलाकार अपने समय के सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनों को कलात्मक रूप में उतारता है।