पेशावर (नेहा): पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू में स्थित सेना की छावनी पर मंगलवार शाम को हुए आतंकी हमले को लेकर वहां की सेना ने अफगानिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि खुफिया रिपोर्टों ने बन्नू में हुए आतंकी हमले में अफगानिस्तान के नागरिकों के शामिल होने की पुष्टि की है। इस आतंकी हमले में पाकिस्तानी सेना के पांच जवान, 13 आम नागरिक और 16 आतंकवादियों की मौत हो गई। मारे गए आतंकवादियों में चार आत्मघाती हमलावर भी थे। पेशावर से लगभग 200 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में बन्नू छावनी पर हुए आत्मघाती हमले के बाद पाकिस्तानी सेना ने कहा कि वह सीमा पार से उत्पन्न खतरों के जवाब में आवश्यक कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखती है। सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आइएसपीआर) ने एक बयान में कहा कि इस्लामाबाद को उम्मीद है कि अंतरिम अफगान सरकार अपनी जिम्मेदारियों को निभाएगी और पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं होने देगी।
आइएसपीआर ने कहा कि साक्ष्य इस तथ्य की ओर भी इशारा करते हैं कि यह हमला अफगानिस्तान से संचालित ख्वारिज सरगनाओं द्वारा निर्देशित और सुनियोजित था। ‘ख्वारिज’ शब्द का इस्तेमाल इस्लामी इतिहास के शुरुआती दौर के एक समूह के लिए किया जाता है, जो हिंसा में शामिल था और पाकिस्तान की सेना इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के लिए करती है। हाफिज गुल बहादुर से जुड़े कम चर्चित जैश अल फुरसान ने एक बयान में बन्नू में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी। यह समूह टीटीपी के कई गुटों में से एक है।
पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी में बुधवार को तीन अफगान पत्रकार घायल हो गए। हमले के समय वे एक प्रमुख सीमा क्रॉसिंग के बंद होने के बारे में रिपोर्टिंग कर रहे थे। दोनों देशों के बीच विवाद के कारण 21 फरवरी से तोरखम क्रॉसिंग बंद है। यह व्यापार और यात्रा के लिए महत्वपूर्ण है। घातक गोलीबारी और आगजनी की घटनाओं के कारण दोनों देशों ने इसे बंद कर दिया है। यह पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम और अफगानिस्तान के पूर्व में स्थित है। पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत के एक बाजार में बुधवार को हुए विस्फोट में चार लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, खुजदार के नाल बाजार में खड़ी एक मोटरसाइकिल में एक आइईडी लगा हुआ था।