संसदीय सुरक्षा में आई चूक के मामले में शामिल छह व्यक्तियों को एक और दौर के लिए न्यायिक हिरासत में रखे जाने का आदेश दिल्ली की प्रतिष्ठित पटियाला हाउस कोर्ट ने दिया है। इस निर्णय के साथ, उनकी हिरासत अवधि अब 11 मार्च तक बढ़ा दी गई है। यह घटनाक्रम उस वक्त सामने आया जब आरोपी अपने मौजूदा वकीलों को बदलने की इच्छा जता रहे थे।
नए वकील की नियुक्ति
पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपियों की अर्जी पर विचार करते हुए उनके लिए नए निजी अधिवक्ता की नियुक्ति की है। यह निर्णय संसद सुरक्षा उल्लंघन के मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिसमें मनोरंजन डी, सागर शर्मा, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत और नीलम आजाद शामिल हैं। इन आरोपियों को अदालत में पेश किया गया था, जहां उनकी हिरासत अवधि को बढ़ाया गया।
सुनवाई के दौरान, विशेष रूप से नीलम आजाद ने अपनी भावनाओं का इजहार करते हुए अदालत में आंसू बहाए। उन्होंने और अन्य आरोपियों ने भी अपने वकीलों को बदलने की अपनी इच्छा जाहिर की। इससे पहले, उन्हें कानूनी सहायता के लिए वकील प्रदान किए गए थे।
आगामी सुनवाई की तैयारी
11 मार्च को निर्धारित आगामी सुनवाई के लिए, नवनियुक्त वकील ने केस फाइलों का अध्ययन करने और आवेदनों पर बहस करने के लिए कोर्ट से समय मांगा है। इस बीच, पटियाला हाउस कोर्ट दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा हिरासत में यातना देने के गंभीर आरोपों पर भी सुनवाई कर रही है। आरोपियों की ओर से लगाए गए इन आरोपों की सच्चाई की जांच भी इस सुनवाई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगी।
इस मामले में अदालत के निर्णय और आगामी कार्रवाई न केवल आरोपियों के भविष्य पर प्रभाव डालेगी, बल्कि यह संसदीय सुरक्षा प्रणाली में सुधार और कानूनी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की आवश्यकता पर भी जोर देगी। सभी पक्षों की नज़रें अब 11 मार्च की सुनवाई पर टिकी हुई हैं, जहां इस मामले में नए मोड़ की उम्मीद की जा रही है।