नई दिल्ली (हेमा)- नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज FIR को निरस्त करने से इनकार कर दिया है, जिस पर आरोप है कि उसने जनता को धन दान करने के लिए भ्रामक ढंग से प्रेरित किया और इसके लिए उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर और उपनाम का इस्तेमाल किया।
हाईकोर्ट ने कहा कि FIR में गंभीर अपराधों का खुलासा हुआ है और पुलिस को सभी पहलुओं की जांच करने का कानूनी अधिकार और कर्तव्य है। अदालत ने बताया कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और अदालत को, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत, जांच को बाधित करने से बचना चाहिए।
इस मामले में, आरोपी ने कथित रूप से अपने गैर-सरकारी संगठन के लिए चंदा जुटाने की कोशिश में प्रधानमंत्री की तस्वीर और उपनाम का इस्तेमाल किया था, जो कि एक गैरकानूनी कार्य है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक पुलिस की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक किसी भी प्रकार की न्यायिक हस्तक्षेप उचित नहीं होगी।