नई दिल्ली (राघव): राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का यह तीसरी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के गठन के बाद उनका पहला राष्ट्रपति अभिभाषण है। संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि मैं 18वीं लोकसभा के सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई देती हूं। आप सभी देश के मतदाताओं का विश्वास जीतकर यहां आए हैं। देश और जनता की सेवा करने का अवसर बहुत कम लोगों को मिलता है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि मेरी सरकार ने CAA कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देना शुरू कर दिया है। इससे बंटवारे से पीड़ित अनेक परिवारों के लिए सम्मान का जीवन जीना तय हुआ है, जिन परिवारों को CAA के तहत नागरिकता मिली है मैं उनके बेहतर भविष्य की कामना करती हूं। राष्ट्रपति ने आपातकाल के उस दंश का जिक्र किया, जिसे 1975 में पूरे देश ने झेला। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आज 27 जून है। 25 जून 1975 को लागू हुआ आपातकाल संविधान पर बड़े और सीधे हमले का काला अध्याय था। उस दौरान पूरे देश में हाहाकार मच गया था। लेकिन ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर देश ने जीत हासिल करके दिखाई।
वहीं, राष्ट्रपति ने अपने भाषण के दौरान पेपर लीक को लेकर सरकार द्वारा लाए गए कानून का भी जिक्र किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि भविष्य में कोई पेपर लीक ना हो इसके लिए सरकार सख्त उपाय कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि इसे लेकर पिछले दिनों कानून भी आ चुका है। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में आगे कहा कि सरकार का प्रयास है कि देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित अवसर मिले। राष्ट्रपति के इतना कहने पर विपक्ष एक बार फिर सदन के अंदर शोर मचाना शुरू कर दिया।