मोदी: राम मंदिर नहीं है डराने का हथियार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ किया कि उनके निर्णय किसी को डराने के लिए नहीं होते। उन्होंने इस बात का खुलासा न्यूज एजेंसी ANI के साथ एक साक्षात्कार में किया। पीएम मोदी का कहना था कि राम मंदिर के मुद्दे को विपक्ष ने राजनीतिक हथियार के रूप में प्रयोग किया था, जो अब उनके हाथ से निकल चुका है।
बड़े मुद्दे, बड़ी बातें
प्रधानमंत्री ने साक्षात्कार में राम मंदिर, DMK के सनातन विरोधी मुद्दे, यूक्रेन-रूस जंग, इलेक्टोरल बॉन्ड, और भारत के विकास के रोडमैप पर चर्चा की। ये सभी विषय उनकी नीतियों की गहराई और उनके भविष्य के दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।
प्रधानमंत्री से सात सवालों के जवाब में, मोदी ने कहा कि उनका लक्ष्य 2024 नहीं, बल्कि 2047 है। उन्होंने बताया कि भारत जब आजादी के 75 साल मना रहा था, तभी उन्होंने यह विषय उठाया था। उनका मानना है कि 2047 में भारत की आजादी के 100 साल पूरे होंगे और यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन होगा।
प्रधानमंत्री के अनुसार, यह समय देश को नई दिशा देने का है। उन्होंने जोर दिया कि हर संस्था को अपने लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए और यह सोचना चाहिए कि वे अगले 25 सालों में क्या उपलब्धि हासिल कर सकते हैं। इस दौरान, उन्होंने स्पष्ट किया कि ये सारे उपाय देश की उन्नति और समृद्धि के लिए किए जा रहे हैं।
इस तरह, प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी नीतियों और दृष्टिकोण को साझा किया जो न केवल वर्तमान के लिए बल्कि भविष्य के लिए भी निर्धारित हैं।