भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में विपक्ष द्वारा आर्थिक अपराध निरोधक निदेशालय (ED) के दुरुपयोग के आरोपों का सख्ती से खंडन किया है। उन्होंने इसे लेकर कहा कि उनकी सरकार के आने के बाद से ED ने अपनी कार्रवाईयों में वृद्धि की है, जिससे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई मजबूत हुई है।
ईडी की बढ़ती सक्रियता
प्रधानमंत्री मोदी ने एशियानेट को दिए गए इंटरव्यू में बताया कि 2014 के पहले जहां ED ने मात्र 84 जगहों पर छापेमारी की थी, वहीं उनकी सरकार के दौरान यह संख्या बढ़कर 7,000 हो गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि निदेशालय ने अपने कामकाज में काफी तेजी लाई है और अपराधों के खिलाफ अधिक सक्रिय रुख अपनाया है।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि उनकी सरकार के आने के बाद प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दर्ज किए गए मामलों की संख्या भी बढ़ी है। 2014 के पहले जहां केवल 1800 केस दर्ज किए गए थे, वहीं अब तक कुल 5 हजार केस दर्ज किए गए हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया पर मोदी का पक्ष
उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि इन सभी मामलों में से केवल 3% मामले ही राजनीतिक नेताओं के खिलाफ हैं, जो यह दर्शाता है कि ED निष्पक्ष और न्यायिक ढंग से कार्य कर रहा है। फिर भी विपक्षी दलों द्वारा इसे राजनीतिक प्रतिशोध का उपकरण के रूप में देखा जाना उन्हें अचरज में डालता है।
प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि अगर ED द्वारा इतनी संख्या में मामले दर्ज नहीं किए गए होते तो विपक्ष इसे ED की निष्क्रियता के रूप में देखता। उन्होंने स्पष्ट किया कि निदेशालय का काम भ्रष्टाचार को समाप्त करना है और अगर यह अपना काम सही से कर रहा है, तो विपक्ष को इससे कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार के दौरान ED की बढ़ी हुई सक्रियता को भ्रष्टाचार से लड़ाई में एक मजबूत कदम के रूप में प्रस्तुत किया, और विपक्ष के आरोपों का करारा जवाब दिया।
इस संदर्भ में यह भी महत्वपूर्ण है कि ED के कार्यों को समझा जाए क्योंकि इससे उनकी बढ़ती कार्यकुशलता और निष्ठा का पता चलता है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि विपक्ष के लिए यह स्वीकार करना कठिन हो रहा है कि एक सरकारी एजेंसी भ्रष्टाचार के खिलाफ इतनी सक्रियता से काम कर सकती है।
विपक्ष के आरोपों का सामना
प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि ईडी की कार्यवाही केवल सतही तौर पर राजनीति से प्रेरित नहीं होती। उन्होंने आगे कहा कि ईडी की कार्रवाइयां निष्पक्ष और विधि सम्मत होती हैं, जो कि आंकड़ों से भी सिद्ध होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईडी की कार्रवाईयों का मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना है, न कि किसी राजनीतिक लाभ के लिए।
विपक्ष की तरफ से आए आरोपों का सामना करते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि ये आरोप अक्सर उनकी सरकार द्वारा किए गए सख्त और प्रभावी उपायों की प्रतिक्रिया में आते हैं। उन्होंने समझाया कि विपक्ष द्वारा ED के उपयोग को लेकर उठाए गए सवाल वास्तव में उनकी सरकार की कार्यकुशलता और प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।