तिरुवनंतपुरम (राघव): केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के नेय्याट्टिनकारा में बुधवार शाम उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गई जब महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी के एक बयान ने विवाद खड़ा कर दिया। उनकी टिप्पणी पर गुस्सा बढ़ता गया, जिससे माहौल गरमाने लगा। आरएसएस कार्यकर्ताओं ने तुषार गांधी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। यह पूरा घटनाक्रम उस वक्त हुआ जब गांधीवादी विचारक गोपीनाथन नायर की प्रतिमा के अनावरण का कार्यक्रम चल रहा था। इसी दौरान तुषार गांधी ने अपने भाषण में एक ऐसी टिप्पणी कर दी, जिससे वहां मौजूद लोग आक्रोशित हो गए। विवाद उनके इस बयान पर भड़क उठा, जिसमें उन्होंने कहा कि “राष्ट्र की आत्मा कैंसर से ग्रस्त है और संघ परिवार इसे फैला रहा है।”
तुषार गांधी के इस बयान से भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं में रोष फैल गया। उन्होंने उनकी टिप्पणी को आपत्तिजनक बताते हुए उनसे इसे वापस लेने और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की। हालांकि, तुषार गांधी अपने बयान पर कायम रहे और उन्होंने किसी भी तरह की माफी से इनकार कर दिया। जैसे ही वे कार्यक्रम स्थल से बाहर निकलने लगे, प्रदर्शनकारियों ने उनके वाहन को घेरने की कोशिश की और जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। मगर विरोध के बावजूद तुषार गांधी टस से मस नहीं हुए। उन्होंने पीछे हटने से इनकार कर दिया और अपनी कार में बैठने से पहले “गांधी की जय” और “आरएसएस मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाए। उनके इन नारों से माहौल और ज्यादा गरमा गया, जिससे इलाके में तनाव और बढ़ गया। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद प्रदर्शनकारियों का आक्रोश शांत नहीं हुआ, और वे लगातार तुषार गांधी के खिलाफ नारे लगाते रहे। इस घटना पर कांग्रेस ने आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं की कड़ी आलोचना की। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के. सुधाकरन ने इस विरोध प्रदर्शन को नाथूराम गोडसे की विचारधारा से प्रेरित बताया और आरोप लगाया कि आरएसएस के भीतर “गोडसे के भूत” का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने इस मुद्दे पर सीपीएम की चुप्पी पर भी सवाल उठाया।