चंडीगढ़ (नेहा): पंजाब विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। सत्र के शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने सरकार को घेरने की योजना बना ली थी, जिसमें दो दिन पहले शंभू और खनोरी बॉर्डर से किसान मोर्चा को जबरन उठाए जाने और किसानों को गिरफ्तार करने जैसे मुद्दे शामिल हैं। बजट सत्र के पहले दिन यानी आज सिर्फ राज्यपाल का अभिभाषण रखा गया था। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस के विधायक अपने बाजुओं पर काली पट्टियां बांधकर आए। ऐसे में जब राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया अपना अभिभाषण पढ़ रहे थे, तो विपक्ष के नेता ने उन्हें टोका और पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वह किसानों और जवानों के पक्ष में नारे लगा रहे थे। कांग्रेस के विधायकों ने इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उनके हाथ में किसानों के साथ किए गए धोखे वाली तख्तियां भी थीं, जिसे वे अभिभाषण के दौरान लहलहा रहे हैं। इसके बाद कांग्रेस के सदस्य अभिभाषण के दौरान ही वॉक आउट करके सदन से बाहर चले आए। नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 13 मार्च को पटियाला के भारतीय सेना के कर्नल व उनके बेटे से पुलिस ने मारपीट की जो अशोभनीय है। हम मांग करते हैं पंजाब सरकार हाईकोर्ट के जज को लिखित में दें कि मामले की जांच सिटिंग या रिटायर्ड जज से हो।
प्रताप सिंह बाजवा ने आगे कहा कि पंजाब के किसानों के धरने पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी कैबिनेट बैठती रही है। किसानों की वजह से ही पंजाब में आम आदमीं पार्टी की 92 सीटें आई है। पंजाब-हरियाणा बॉर्डर बैरिकेडिंग किसानों ने नहीं बल्कि हरियाणा सरकार ने लगाई। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को खुश करने के लिए किसानों के धरने को आम आदमी पार्टी की सरकार ने उठवाया। बाजवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पंजाब के जरिए राज्यसभा जाना चाहते हैं। केजरीवाल विपश्यना के लिए पंजाब में नहीं आए हैं, लुधियाना पश्चिमी विधानसभा उपचुनाव कैसे जीते और राज्यसभा जाने लिए पंजाब में आए हैं। प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस सरकार के दौरान किसानों पर कभी लाठियां नहीं चलाई गई। कांग्रेस ये भी मांग करती है कि सरकार बताए कि पंजाब की एक करोड़ महिलाओं से एक हजार रुपये महीने देने का वादा किया था, सरकार बने तीन साल हो गए है, तो 36000 रुपये महिलाओं को कब दिए जायेंगे?