मुंबई (नेहा): बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) को साल 2015 में सीपीआई नेता गोविंद पानसरे की हत्या के मामले में पानसरे परिवार के सदस्यों का नए सिरे से बयान दर्ज करने का निर्देश दिया। उनके बयान से एटीएस की जांच में सहायता मिल सकती है। पानसरे परिवार की याचिका पर हाई कोर्ट की निगरानी में एटीएस मामले की जांच कर रही है। 12 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है।
न्यायमूर्ति ए.एस.गडकरी और न्यायमूर्ति श्याम सी.चांडक की पीठ के समक्ष एटीएस की ओर से पेश विशेष सरकारी वकील अशोक मुंदारगी ने कहा कि पानसरे की हत्या की जांच में कोई नई प्रगति नहीं हुई है। एटीएस ने इस मामले में सभी संदिग्धों से पूछताछ की, लेकिन उनसे कोई ऐसी जानकारी नहीं मिली कि जिससे जांच में प्रगति आ सके। इसके बाद पानसरे के परिवार के वकील ने कहा कि दाभोलकर हत्या कांड से पानसरे का मामला जुड़ा हुआ है।
पिछले दिनों दाभोलकर हत्या मामले में दो शूटरों को सजा हुई थी, लेकिन उस मामले के मुख्य साजिशकर्ता का भी पता नहीं चल सका है। दोनों में ही मामले में कई समानताएं हैं। संदिग्धों से गहन पूछताछ किए जाने की जरूरत है। पानसरे के परिवार का नए सिरे से बयान दर्ज किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील की दलीलों को स्वीकार करते हुए पीठ ने एटीएस को पानसरे परिवार के सदस्यों को बयान दर्ज करने का निर्देश दिया। पानसरे की 16 फरवरी 2015 को कोल्हापुर में गोली मार दी गई और 20 फरवरी 2015 को मुंबई के एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई थी।