नई दिल्ली (राघव): सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मांग की गई थी कि भारत में चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएं और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को बंद कर दिया जाए। यह याचिका केए पॉल द्वारा दायर की गई थी, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है और लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए बैलेट पेपर से चुनाव कराना जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पीबी वराले और विक्रम नाथ की बेंच ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि, “जब आप चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम से कोई समस्या नहीं होती, लेकिन जब आप हार जाते हैं तो ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगता है।” कोर्ट ने कहा कि इस तरह के आरोपों पर बहस नहीं हो सकती और इसे खारिज कर दिया।
याचिकाकर्ता केए पॉल ने अपनी याचिका में दो प्रमुख नेताओं का नाम लिया था, जिनका कहना था कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है। उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का हवाला दिया, जिनका दावा था कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है। इसके अलावा, पॉल ने अमेरिकी अरबपति एलन मस्क के उस बयान का भी हवाला दिया था, जिसमें मस्क ने कहा था कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है। कोर्ट ने पॉल के इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि जब इन नेताओं को ईवीएम के बारे में कोई शिकायत नहीं होती जब वे चुनाव जीतते हैं, तो चुनाव हारने के बाद यह आरोप लगाना उचित नहीं है। जस्टिस नाथ ने कहा कि इस विषय पर बहस करने का कोई स्थान नहीं है।