नई दिल्ली (राघव): मार्केट रेगुलेटर सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने अपने खिलाफ लगाए जा रहे सभी आरोपों को खारिज किया है। सेबी चीफ ने आज अपने पति धवल बुच के साथ एक संयुक्त बयान जारी किया। इसमें बुच दंपती का कहना है कि उन्होंने नियमों के खिलाफ जाकर कोई भी काम नहीं किया है और न ही किसी कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाया है। उन्होंने सभी हालिया आरोपों को ‘पूरी तरह से झूठा, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक’ करार दिया है।
देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सेबी चीफ बुच के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें खासकर अगोरा एडवाइजरी की चर्चा है, जिसमें कथित तौर पर बुच की 99 फीसदी हिस्सेदारी है। बुच पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अपने पूर्व नियोक्ता ICICI बैंक और महिंद्रा ग्रुप को पैसों के बदले अनुचित फायदा पहुंचाया। वहीं, ऑटोमोबाइल कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने भी एक बयान में कहा था कि धवल को उनकी योग्यता की वजह से कंपनी में नियुक्त किया था। हमने कभी भी सेबी से किसी तरह के सहूलियत नहीं मांगी थी। कांग्रेस का दावा था कि धवल बुच को महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) से 2019 और 2021 के बीच 4.78 करोड़ रुपये मिले थे। बुच ने कहा कि उन्होंने अपने पूर्व नियोक्ता ICICI Bank से जुड़े किसी भी रेगुलेटरी मामले को नहीं निपटाया है। कई लिस्टेड कंपनियों के साथ हितों के टकराव के मसले पर माधबी पुरी ने कहा कि सेबी से जुड़ने के बाद उन्होंने किसी भी स्तर पर कभी भी एगोरा एडवाइजरी, एगोरा पार्टनर्स, महिंद्रा ग्रुप, पिडिलाइट, डॉ. रेड्डीज, अल्वारेज एंड मार्सल, सेम्बकॉर्प, विसु लीजिंग या आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) से जुड़ी किसी भी फाइल को नहीं निपटाया है।