संभल (राघव): उत्तर प्रदेश के संभल के जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट को कोतवाली पुलिस ने हिरासत में लिया है, लेकिन माना जा रहा है कि उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। पुलिस अधिकारी उनसे पिछले साल नवंबर में हुई हिंसा के बारे में पूछताछ कर रहे हैं। इस मामले में उन पर कार्रवाई की जा सकती है। जेल भेजने की तैयारी की जा रही है। कानून-व्यवस्था के मद्देनजर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। जफर अली के बड़े भाई मोहम्मद ताहिर ने आरोप लगाया है कि सदर को न्यायिक आयोग में बयान देने से रोकने के लिए यह असंवैधानिक कार्रवाई हुई है। उन्होंने बताया कि जफर अली को पुलिस जेल भेजना चाहती है। पुलिस चाहती है कि वह बयान न दें, लेकिन वह वही बयान देंगे, जो आयोग के सामने दिया है।
मोहम्मद ताहिर ने बताया कि शनिवार को जफर अली को न्यायायिक आयोग से समन आया था। उन्हें जाना था। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने असंवैधानिक कार्रवाई की है। हम अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे। जो न्यायिक आयोग में कहा है, वही बयान देंगे। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि जफर अली की गिरफ्तारी हो सकती है। अभी किसी ने पुष्टि नहीं की है, लेकिन संभावना यही है। पुलिस उन्हें 11 बजे घर से बुलाकर ले गई है। दो इंस्पेक्टर उन्हें ले जाने के लिए आए थे।
उल्लेखनीय है कि संभल जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट और पुलिस अधिकारियों के बीच पहले भी कई बार नोकझोंक हो चुकी है। इसके वीडियो भी खूब वायरल हुए हैं। जामा मस्जिद कमेटी के सदर ने 24 नवंबर को हुए बवाल में पुलिस पर गोली चलाने का आरोप भी लगाया था। संभल की जामा मस्जिद में न्यायालय के आदेश पर 24 नवंबर को सर्वे हो रहा था। कुछ लोग इसका विरोध कर रहे थे। वे पुलिस से भिड़ गए थे। इस दौरान बवाल हो गया था। इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। हिंसा, गोलीबारी और पथराव हुआ था। हिंसा करने के आरोप में पुलिस ने कई लोगों को जेल भी भेजा है।