वाशिंगटन (राघव): अमेरिका में रविवार को आए बर्फीले तूफान ने कहर बरपा दिया है। इसे पिछले 10 वर्षों का सबसे खतरनाक बर्फीला तूफान बताया जा रहा है। हालात को देखते हुए अमेरिका के 7 राज्यों केंटकी, वर्जीनिया, वेस्ट वर्जीनिया, कंसास, अर्कांसस, मिसौरी और न्यू जर्सी के कुछ इलाकों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक, कंसास और मिसौरी में राज्यों में 8 इंच तक बर्फबारी होने की संभावना है, और 72 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही हैं।
आमतौर पर गर्म रहने वाला फ्लोरिडा भी इस बार भारी बर्फबारी का सामना कर रहा है। US नेशनल वेदर सर्विस का कहना है कि इस तूफान का असर अमेरिका की बड़ी आबादी पर पड़ेगा। यूटा राज्य की कॉटनवुड घाटी में हिमस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं। सड़कें पूरी तरह बर्फ की चादर में लिपटी हुई हैं, जिससे वाहनों और पैदल यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। तूफान की वजह से अमेरिका के कई राज्यों में हवाई यातायात पूरी तरह से ठप है।
इस तूफान की बड़ी वजह पोलर वोर्टेक्स को माना जा रहा है। यह एक ध्रुवीय भंवर है, जो घड़ी की उल्टी दिशा में घूमती है। आमतौर पर यह नॉर्थ पोल के चारों ओर रहता है, लेकिन जब यह दक्षिण की ओर बढ़ता है, तो अमेरिका, यूरोप और एशिया में भारी ठंड और बर्फबारी लाता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में ये ध्रुवीय हवाएं यूरोप और एशिया के कई इलाकों में भी पहुंच सकती हैं। इस तूफान के कारण कई इलाकों में 8 से 10 इंच तक बर्फबारी दर्ज की गई। तेज हवाओं के कारण वाहन और घर पूरी तरह बर्फ से ढक गए हैं। लोगों को अपनी गाड़ियों से बर्फ हटाने और सामान्य जीवन जीने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिकी प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं को पूरी तरह सक्रिय कर दिया है। इमरजेंसी घोषित राज्यों में राहत कार्य तेज कर दिए गए हैं और नागरिकों से घरों में रहने की अपील की गई है।