नई दिल्ली (नेहा): पंजाब व चंडीगढ़ से दिल्ली विधानसभा चुनावों को कवर करने गए कुछ पत्रकारों के साथ दिल्ली पुलिस द्वारा कथित तौर पर की गई मारपीट व धक्केशाही की सख्त शब्दों में निंदा करते हुए गोराया पत्रकार एसोसिएशन (रजिः) के एक प्रतिनिधिमंडल ने भारत के महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन डिप्टी कमिश्नर जालंधर के माध्यम से सौंपा है। जीपीए के प्रधान मुनीश बावा की अध्यक्षता में पत्रकारों के इस प्रतिनिधिमंडल ने अपने ज्ञापन में भी पत्रकारों के साथ दिल्ली पुलिस द्वारा कथित रूप से की गई मारपीट की कड़ी निंदा की है। यह घटना प्रेस स्वतंत्रता पर सीधे हमले के रूप में देखी जा रही है, जो भारत के लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण आधार है। 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को होंगे, जबकि मतगणना 8 फरवरी को होगी। पत्रकार, जो अपनी पत्रकारिता के कर्तव्यों का पालन करने के लिए दिल्ली गए हैं उन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा कथित तौर पर पीटा गया और हिरासत में लिया गया, उनके साथ धक्केशाही की गई। यह अनावश्यक कार्रवाई पत्रकारों की सुरक्षा और प्रेस स्वतंत्रता की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता का कारण बनी है।
घटना के बाद, गोराया पत्रकार एसोसिएशन संघ ने जालंधर के डीसी के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन प्रस्तुत किया है, जिसमें दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की तुरंत और गहन जांच की मांग की गई है। जीपीए ने पत्रकारों पर हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की भी अपील की है। जीपीए के अध्यक्ष मुनीश बावा ने कहा, “पत्रकारों पर यह हमला प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा आक्रमण है और यह लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है। प्रेस लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और ऐसी घटनाएँ पत्रकारिता के कामकाजी माहौल को भय और धमकी से भर देती हैं।”
जीपीए ने यह भी कहा कि यह घटना देश में पत्रकारों के खिलाफ बढ़ती हिंसा का हिस्सा है। उन्होंने सरकार से पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और प्रेस स्वतंत्रता की रक्षा के लिए मजबूत कदम उठाने का आग्रह किया। प्रेस नोट में यह भी मांग की गई कि अपराधियों को जिम्मेदार ठहराया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएं। “हम सरकार से तत्काल कार्रवाई करने की अपील करते हैं ताकि प्रेस स्वतंत्रता की रक्षा हो सके और पत्रकारों को न्याय मिल सके,” बावा ने कहा। इस दौरान उनके साथ सीनीयर पत्रकार सरबजीत सिंह गिल, निरमल चंद गुड़ा, सुरिंदर कुमार कुक्कू, मनजीत कुमार मक्कड़ आदि भी उपस्थित थे।