नई दिल्ली (राघव): इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद उनकी मां अंजू देवी द्वारा पोते की कस्टडी के लिए दायर याचिका पर मंगलवार (7 जनवरी, 2025) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अंजू देवी ने आरोप लगाया है कि उनकी बहू निकिता सिंघानिया द्वारा उनके बेटे पर प्रताड़ना के झूठे आरोप लगाने और परेशान करने के कारण उसने आत्महत्या की थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार और निकिता सिंघानिया से बच्चे की स्थिति पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बच्चा अपनी मां के पास है और कस्टडी के मुद्दे पर कोई निर्णय फिलहाल नहीं लिया जाएगा। अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।
निकिता के वकील ने बताया कि जमानत मिलने के बाद निकिता ने अपने 4 वर्षीय बेटे को फरीदाबाद के स्कूल से अपने पास ले लिया है और बेंगलुरु में उसके एडमिशन की योजना बना रही है। हालांकि, बच्चे की दादी अंजू देवी का कहना है कि निकिता और उसके परिवार के साथ बच्चा सुरक्षित नहीं है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने यह याचिका इसलिए सुनी क्योंकि निकिता हिरासत में थी। अब जब वह बाहर आ चुकी हैं और बच्चा उनके पास है, तो हैबियस कॉर्पस याचिका का औचित्य खत्म हो जाता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि बच्चा अपनी दादी से परिचित नहीं है और उनके लिए अजनबी है।