श्री मुक्तसर साहिब (नेहा): चंडीगढ़ में धरने के लिए रवाना होने से जिला मुक्तसर के विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं के घर पर पुलिस ने रात ढाई से तीन बजे के बीच दबिश दी। थाना कोटभाई पुलिस ने किरती किसान यूनियन के नेता जगमीत सिंह, जगरूप सिंह व जसप्रीत सिंह को हिरासत में ले लिया है। जबकि कई किसान पुलिस की दबिश की सूचना मिलने पर इधर-उधर हो गए थे। बीकेयू उगराहां के जिला नेता बिट्टू मल्लन, गुरभगत भलाईआना सहित अन्य किसानों को धरने में शामिल होने से पहले पुलिस नजरबंद करने के लिए किसानों के घरों में पहुंची थी। किसान नेता बिट्टू मल्लन ने कहा कि उन्हें पहले से ही राज्य सरकार की इस हरकत का पता था। इसलिए रात को जब पुलिस उनके घर पर आई तो वह घर नहीं थे। पुलिस परिवार से मेरे बारे पूछताछ कर वहां से चली गई। इसी तरह किसान नेता गुरभगत भलाईआना ने कहा कि सरकार इस हरकत से किसानों के संघर्ष को रोक नहीं सकती। किसान बड़े स्तर पर धरने में शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि किसान अपनी अधिकारित मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। केंद्र के बाद अब पंजाब सरकार भी किसानों के संघर्ष को रोकने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा उनके जो किसान नेता हिरासत में लिए गए हैं, अगर उनको जल्द नहीं छोड़ा गया तो वह कड़ा विरोध करेंगे। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) राजनीतिक की सोमवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ दो घंटे चली बैठक बेनतीजा रही। सौहार्दपूर्ण चल रही बैठक में तलखी तब आई जब मुख्यमंत्री ने किसानों से चंडीगढ़ में पांच मार्च से शुरू किए जा रहे धरने के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि इस तरह के धरनों-प्रदर्शनों से लोगों को परेशानी होती है। राज्य में लोग निवेश करने तक नहीं आएंगे। इस पर किसान नेताओं ने कहा कि वे इस पर बाद में सोचेंगे। भाकियू उगराहां के प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि आपने किसानों के मोर्चे के डर से ही बैठक के लिए बुलाया है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उनके मोर्चे के डर से नहीं, बल्कि उनकी मांगों को जानने के लिए आए हैं।
अगर आपने धरना ही लगाना है तो फिर कोई मांग नहीं मानी जाएगी। यह कहते ही वे बैठक से चले गए। किसान नेताओं ने बैठक समाप्त होने के बाद घोषणा कर दी कि वे पांच मार्च से चंडीगढ़ में सात दिवसीय धरना शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि इस दौरान अगर पंजाब सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो मोर्चा जारी रखने का भी फैसला किया जा सकता है। खास बात यह है कि किसानों ने चंडीगढ़ के सेक्टर-34 में धरना देने की घोषणा की हुई है जिसकी अभी तक चंडीगढ़ प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी है। वहीं, धरने से पहले अब किसानों पर पुलिस ने एक्शन लिया है।