उत्तर प्रदेश (हरमीत): उत्तर प्रदेश पुलिस में 60,000 से अधिक पदों को भरने के लिए पांच दिवसीय भर्ती परीक्षा समाप्त हो गई है। इस परीक्षा में करीब 32 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था।राज्य सरकार ने इसे अपने इतिहास की “सबसे बड़ी पुलिस भर्ती परीक्षा” बताया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा के “सुचारू और निष्पक्ष” संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उम्मीदवारों, यूपीपीआरपीबी, जिला प्रशासन और राज्य पुलिस को बधाई दी।
पांच दिवसीय कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के समापन के बाद सीएम योगी ने निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा आयोजित करने के लिए सभी अभ्यर्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘X’ पर लिखा, ‘रिजर्व सिविल पुलिस के 60,200 से अधिक पदों पर चयन के लिए आयोजित लिखित परीक्षा-2023 को निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से पूरा करने के लिए सभी उम्मीदवारों को बधाई। परीक्षा में शामिल होने वाले सभी ऊर्जावान और अनुशासित युवाओं को वांछित परिणाम प्राप्त करने और सुनिश्चित करने के लिए शुभकामनाएं!’ उन्होंने आगे लिखा, ‘दुनिया की सबसे बड़ी नागरिक पुलिस भर्ती परीक्षा को सफलतापूर्वक और सुरक्षित ढंग से संपन्न कराने में मदद करने वाले सभी लोगों, उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड और सभी जिलों के जिला प्रशासन को हार्दिक धन्यवाद!
सीएम योगी ने घोषणा की है कि यूपी पुलिस कांस्टेबल चयन प्रक्रिया में 15,000 से अधिक महिलाओं की भर्ती की जाएगी। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ’60 हजार से ज्यादा पुलिस कांस्टेबल की चयन प्रक्रिया में 15 हजार से ज्यादा बेटियों की भर्ती की जाएगी। परीक्षा निष्पक्ष एवं ईमानदार तरीके से आयोजित की गई है, जिससे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा और सुशासन का मॉडल और मजबूत होगा। इससे पहले भी उन्होंने 20 फीसदी महिलाओं को भर्ती करने की बात कही थी।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा राज्य के 67 जिलों के 1,174 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। पेपर लीक के आरोप के बाद 17 और 18 फरवरी को आयोजित परीक्षा रद्द कर दी गई थी। सीएम योगी ने परीक्षा रद्द करते हुए छह महीने के अंदर दोबारा परीक्षा कराने का ऐलान किया था।पुन: परीक्षा पांच दिन 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त को दो पालियों में आयोजित की गई थी। आधिकारिक बयान के मुताबिक, करीब 48 लाख उम्मीदवारों में से 32 लाख से ज्यादा उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए। माना जा रहा है कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण 16 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी।